रस-रक्तादि धातुओं में पित्त प्रधान त्रिदोष के कारण धातुओं के पोषण क्रम में शिथिलता उत्पन्न हो जाती है। दोषों के कारण बल, वर्ण और ओज के गुणों का क्षय होने लगता है। परिणाम स्वरूप अल्परक्तता उत्पन्न हो जाती है। फलस्वरूप एनीमिया उत्पन्न हो जाता है।
एनीमिया होने के कारण
एनीमिया पोषण के कमी के अलावा और बहुत सारे कारण होते हैं जिनमें ये प्रमुख हैं-
-एनीमिया के वंशानुगत रुप है और शिशु जन्म लेने के बाद ही स्थिति से पीड़ित हो सकते हैं।
-कुछ चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी एनीमिया हो सकता है जैसे पोषक तत्वों से रहित आहार भी एक प्रमुख कारक है।
-एनीमिया का सबसे मुख्य रुप लोहे की कमी एनीमिया है जिसे आसानी से आहार में बदलाव और आयरन की खुराक प्रदान करने के साथ इलाज किया जा सकता है।
-एनीमिया का सबसे बढ़ा कारण आर.ब।सी के असामान्य उत्पादन से होता है।
-लाल रक्त कोशिकाओं की कमी रक्तस्राव के कारण हो सकती है, जो अक्सर समय के साथ इस प्रकार का गंभीर रक्तस्राव निम्नलिखित कारणों की वजह से हो सकता है।
- जठरात्र से संबंधित समस्याएं जैसे- अल्सर, बवासीर, जठर-शोथ और कैंसर।
- महिलाओं में मासिक धर्म और प्रसव, खास तौर से जब मासिक धर्म में अत्यधिक खून बह रहा हो और कई बार गर्भावस्था हुई हो।
- यदि आप गर्भवती हों और फोलिक एसिड के साथ मल्टी विटामिन न लेती हो तो आपको एनीमिया होने का जोखिम हो सकता है।
- जिन लोगों की उम्र 65 वर्ष से अधिक होती है, उन्हें एनीमिया होने का जोखिम होता है।
महिलाओं में अक्सर एनीमिया की कमी होती है जिसका मूल कारण हैं-
-पुरुषों की तुलना में महिलाएं एनीमिया की अधिक शिकार बनती हैं। आजकल के युग में लड़कियों में डाइटिंग का ट्रेन्ड चला है, जिससे यह लड़कियां एनीमिया की शिकार बनती जा रही हैं।
-दूध पिलाने वाली महिलाओं को भी एनीमिया हेने का खतरा बना रहता है।
-मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्त निकलने से एनीमिया हो सकता है।
-गर्भाशय का ट्यूमर होने से भी एनीमिया हो सकता है।
-दूध पिलाने वाली महिलाओं को भी एनीमिया होने का खतरा बना रहता है।
-हेल्दी महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का नार्मल लेवल 11 gm/dl होता है।
एनीमिया के लक्षण
एनीमिया होने में शरीर में रक्त की कमी होने के साथ-साथ ये लक्षण मूल रूप से महसूस होते हैं-
-काम करते समय जल्दी थक जाना।
-सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलना।
-दिनभर कमजोरी महसूस होना।
-अधिकतर समय सांस लेने में कमजोरी होती है।
-आंखों के सामने अंधेरा छाना।
-चक्कर आना।
-सीने और सिर में दर्द होना।
-पैरों के तलवों और हथेलियों का ठंडा होना।
-आँखों का पीलापन, एनीमिया दर्शाने का सर्वोत्तम तरीका है।
-एनीमिया की वजह से आपके बाल भी झड़ सकते हैं।
एनीमिया के इलाज के लिए घरेलू उपाय
आमतौर पर एनीमिया कम करने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खे आजमाते हैं। चलिये जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो एनीमिया कम करने में सहायता करते हैं-
एनीमिया की शिकायत होने पर अंजीर का सेवन इस तरह से करें। 10 मुनक्के और 5 अंजीर को एक ग्लास दूध में उबाल लें और फिर सेवन करें।
एनीमिया में बादाम का सेवन करना चाहिए, इससे खून की कमी दूर (anemia ka ilaj) होती है। यह शरीर को भी स्वस्थ बनाए रखता है।
आप मेथी से एनीमिया का उपचार कर सकते हैं। मेथी का सेवन करने से खून बढ़ता है। कच्ची मेथी खाने से भी शरीर को आयरन मिलता है।
पालक आसानी से मिलने वाली शाक है। खून की कमी को दूर करने के लिए पालक बहुत जरूरी है। पालक में भरपूर मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है।
आप भी यह जानते होंगे कि सोयाबीन शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसके सेवन से शरीर में खून की वृद्धि होती है। खून की कमी दूर करने के लिए सोयाबीन का महत्वपूर्ण स्थान है।
सेब के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर रोज पीने से खून की कमी दूर होती है।
चुकंदर में आयरन बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। इसे आप सलाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। इसका रस दिन में दो बार पिएं।
अंगूर में आयरन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है, इसलिए अंगूर का सेवन करना चाहिए।
प्रतिदिन खाली पेट 20 मि.ली. एलोवेरा जूस लें।
जब व्यक्ति सुस्त और कमजोर महसूस करें तो उन लक्षणों को गम्भीरता से लेना चाहिए। आयुर्वेदिक उपाय करने के बाद भी यदि कोई लाभ या फायदा न मिले तो चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।