
चीन में आया ब्यूबोनिक प्लेग Bubonic Plague, कोरोना वायरस के बाद चीन में एक और नई घातक बीमारी के फैलने की खबर है। इस बीमारी का नाम है- ब्यूबोनिक प्लेग। उत्तरी चीन के एक शहर में ब्यूबोनिक प्लेग के एक संदिग्ध मरीज के सामने आने का मामला आया है। चीन के सरकारी पीपल्स डेली ऑनलाइन(People’s Daily Online) की एक रिपोर्ट के मुताबिक आंतरिक मंगोलियाई स्वायत्त क्षेत्र, बयन्नुर शहर में ब्यूबोनिक प्लेग को लेकर रविवार को एक चेतावनी जारी की गई, जिसके एक दिन बाद एक अस्पताल ने संदिग्ध बुबोनिक प्लेग का मामला दर्ज किया। बयन्नुर में ब्यूबोनिक प्लेग की रोकथाम और नियंत्रण के लिए लेवल थ्री की चेतावनी जारी की गई है। इस बीच अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये वायरस क्या है और ये लोगों में कैसे फैलता है।
क्या है ब्यूबोनिक प्लेग ?
मध्य युग में ब्लैक डेथ(Black Death) के रूप में जाना जाने वाला ब्यूबानिकप्लेग(bubonic plague) एक अत्यधिक संक्रामक और घातक बीमारी है जो ज्यादातर रोडेंट्स(Rodents) से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार यह बीमारी बैक्टीरिया यर्सिनिया पेस्टिस के कारण होती है, जो आम तौर पर छोटे स्तनधारियों और उनके पिस्सू में पाए जाने वाले एक जूनोटिक जीवाणु होते हैं, जिसमें रोग के लक्षण एक से सात दिनों के बाद दिखाई देते हैं। यह बीमारी आमतौर पर पिस्सू के काटने से फैलती है जो चूहों, चूहों, खरगोशों और गिलहरियों जैसे संक्रमित जीवों पर भोजन के लिए निर्भर करता है।
चीन में प्लेग के मामले असामान्य नहीं हैं, लेकिन इसका प्रकोप अब यहां लगातार बढ़ता जा रहा है। 2009 से 2018 तक चीन में प्लेग के 26 मामले सामने आए हैं। इस दौरान यहां 11 लोगों की मौत हुई है।
बीमारी क्या है?
प्लेग के दो मुख्य रूप हैं- ब्यूबानिक और न्यूमोनिक (जब प्लेग फेफड़ों में तेजी से फैलता है)। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ब्यूबानिक प्लेग सबसे आम रूप है और दर्दनाक सूजन लिम्फ नोड्स या ‘बुबेक’ की विशेषता है। यह अब एक दुर्लभ बीमारी है- 2010 से 2015 तक, दुनिया भर में 3,248 मामले सामने आए, जिनमें 584 मौतें शामिल हैं। इसके अब ज्यादातर मामले लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, मेडागास्कर और पेरू में है।
यह कैसे फैलता है ?
फिलहाल इस बात को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है कि आखिर ब्यूबोनिक प्लेग लोगों में फैल कैसे रहा है। इसको लेकर स्थिति फिलहाल अस्पष्ट है। हालांकि, सतर्कता के तौर पर लोगों को किसी भी बीमार या मृत मर्मोट(marmot)-(बड़े और भारी कृंतक जो गिलहरियों के समान जानवर) को तुरंत रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। चीन में लोगों को जानवरों के शिकार और इन्हें खाने से मना किया गया है जो प्लेग के संक्रमण को फैला सकते हैं। पांच दिन पहले चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने पश्चिमी मंगोलिया में खोद प्रांत में बुबोनिक प्लेग के दो संदिग्ध मामलों की सूचना दी थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के हवाले से लिखा है कि वर्तमान में इस शहर में मानव प्लेग महामारी फैलने का खतरा है। उन्हें सार्वजनिक रूप से अपनी आत्म-सुरक्षा जागरूकता और क्षमता में सुधार करना चाहिए और असामान्य स्वास्थ्य स्थितियों की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए। रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारियों ने घोषणा की कि चीन में ब्यूबोनिक प्लेग को लेकर जारी ये चेतावनी 2020 के अंत तक जारी रहेगी।
चीन में पहले कब आए मामले ?
नवंबर में, बीजिंग के अधिकारियों ने कहा कि इनर मंगोलिया के दो लोग न्यूमोनिक प्लेग पाए गया। यह उसी बैक्टीरिया के कारण प्लेग का एक और रूप है। न्यूमोनिक प्लेग एकमात्र रूप है जो सांस की बूंदों के माध्यम से लोगों में फैल सकती है। यदि इलाज नहीं किया जाता है तो न्यूमोनिक प्लेग हमेशा घातक होता है जबकि व्यूबोनिक प्लेग लगभग 30-60% मामलों में घातक होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है अगर जल्दी इलाज कराया जाए तो एंटीबायोटिक्स बीमारी को ठीक कर सकते हैं।
कितना घातक है ब्यूबोनिक प्लेग ?
मध्य युग में ब्यूबोनिक प्लेग महामारी, जिसे ‘ब्लैक डेथ’ भी कहा जाता है, इसने यूरोप की आधी से अधिक आबादी का सफाया कर दिया था। हालांकि, एंटीबायोटिक दवाओं की उपलब्धता के साथ बीमारी का अब काफी हद तक इलाज हो सकता है।.
इसके लक्षण क्या हैं?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षणों में अचानक बुखार आना, ठंड लगना, सिर और शरीर में दर्द और कमजोरी, उल्टी और मतली जैसे लक्षण शामिल हैं।
अगर कोई व्यक्ति हंता वायरस से संक्रमित है तो उसे दर्द, बुखार, सर्दी, उल्टी, बदन दर्द जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इससे संक्रमति शख्स की हालत बिगड़ने पर सांस लेने में परेशानी और फेफड़ों में पानी भरने लगता है। पेटागोनिया में जनवरी 2019 में हंता वायरस के कारण नौ लोगों की मौत हो गई थी। चूहों में पनपने वाला यह वायरस अमेरिका में न्यूवर्ल्ड हंता वायरस के नाम से जाना जाता है। चूहों, छछूंदर व गिलहरी की प्रजाति से अलग-अलग हंता वायरस पनपता है। यह उनके मल, मूत्र, लार के संपर्क में आने या उनके काटने से हो सकता है।
चीन का कहना है कि वह अपने देश के सूअरों में वैज्ञानिकों द्वारा पहचाने गए नए फ्लू को फैलने से रोकने के लिए हर संभव इंतजाम कर रहा है क्योंकि यह फ्लू महामारी का रूप ले सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चीन को कड़ी निगरानी रखने और कोविड-19 की तरह महामारी का रूप लेने की क्षमता रखने वाली इस फ्लू को रोकने को कहा है।
जॉन हॉप्किंस विश्वविद्यालय के अनुसार, चीन पहला देश है जहां दिसंबर, 2019 में कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था जो धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गया और अभी तक इस कोरोना वायरस से 10,424,992 लोग संक्रमित हुए हैं वहीं 509,706 लोग इस संक्रमण से मरे हैं। चीन में इससे अभी तक 83,531 लोग संक्रमित हुए हैं और 4,634 लोग की संक्रमण से मौत हुई है।
आधिकारिक मीडिया में मंगलवार (30 जून) को आई खबर के अनुसार, चीन के अनुसंधानकर्ता पहले ही चेतावनी जारी कर चुके हैं कि कोविड-19 महामारी के बाद सूअरों से फैलने वाला एक इंफ्लूएंजा भी महामारी का रूप ले सकता है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार, चीन के कृषि विश्वविद्यालय, चीनी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र और अन्य प्रतिष्ठानों के वैज्ञानिकों की ओर से यह चेतावनी आई है।
इन वैज्ञानिकों ने पाया है कि जीनोटाइप 4 (जी4) सूअरों में संक्रामक है और इसके मनुष्यों में फैलने का भी डर है क्योंकि जी4 मनुष्यों की कोशिकाओं के साथ मिलने की क्षमता रखता है। सोमवार (29 जून) को इस फ्लू के संबंध में एक अध्ययन अमेरिकी जर्नल ‘पीएनएएस में प्रकाशित हुआ था।
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