
उम्र के साथ-साथ हमारा डाइजेशन कमजोर होने लगता है। खासतौर पर 30 की उम्र पार करने के बाद बॉडी आसानी से डाइट में शामिल कैल्शियम को पूरी तरह से अब्जॉर्ब नहीं कर पाती है। ऐसे में कैल्शियम की कमी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। 30 की उम्र के बाद अपनी डाइट में कैल्शियम रिच फूड की मात्रा बढ़ाकर इसकी कमी से बच सकते हैं। इसके अलावा आसान घरेलू नुस्खे भी आपकी बॉडी में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
स्वस्थ दांतों व हडि्डयों के लिए कैल्शियम बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह बोन हेल्थ के साथ−साथ नर्व्स और मसल्स टिश्यू की हेल्थ और उनके सही तरह से कार्य करने में भी अहम् भूमिका अदा करता है। वैसे तो कैल्शियम हमें आहार के जरिए प्राप्त होता है, लेकिन कई बार शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है और ऐसे में समझ नहीं आता कि क्या किया जाए।
कैल्शियम की कितनी मात्रा है जरूरी
पुरुषों के मुकाबले, महिलाओं को 30 की उम्र के बाद कैल्शियम की जरूरत ज्यादा होती है। भारत में लोग हर दिन 400 ग्राम से कम कैल्शियम खाते हैं, खासतौर पर औरतें जबकि शरीर को 1200-1500 मिलीग्राम कैल्शियम चाहिए होता है।
दूध पिलाने वाली मांओं को अधिक जरूरत
प्रेगनेंट और स्तनपान करवाने वाली औरतों को न्यूटिशियंस और कैल्शियम से भरपूर आहार खाने की बहुत जरूरत होती है क्योंकि गर्भवती और बच्चे को दूध पिलाने वाली मां के शरीर से ही बच्चा का पूर्ण पोषण होता है इसलिए इन महिलाओं को दूसरी औरतों के मुकाबले कैल्शियम की भी ज्यादा जरूरत होती है।
कैल्शियम की कमी होने के कारण
- कैल्शियम की कमी सबसे ज्यादा भोजन में कैल्शियम युक्त भोजन न लेने से होती है
- कैल्शियम की कमी सबसे ज्यादा महिलाओ में होती है क्योकि महिलाओ को कोई दोर से गुजरना होता है जैसे- मासिक धर्म, गर्भधारण, ब्रेस्टफीडिंग और बाद में मेनोपॉज
- अधिक दिनों तक सूरज की रौशनी को न लेने से
- विटामिन C की कमी से
- ड्रिकिंग सोडा का सेवन करने से
- अधिक कैफीन का सेवन करने से
- सोडियम युक्त पदार्थो का अधिक सेवन करने से
कैल्शियम की कमी होने के लक्षण | कैल्शियम की कमी से रोग
- आपकी हड्डियों का कमजोर होना उठते बैठते समय दर्द का होना
- मांसपेशियों में अकड़न और दर्द होना
- बहुत जल्द ही थकान होना
- कमजोर दांत, कमजोर नाखून, झुकी हुई कमर, बालों का टूटना या झड़ना कैल्शियम की कमी के लक्षण है
- नींद ना आना, डर लगना और दिमागी टेंशन रहना कैल्शिीयम की कमी से ही होता है
- शरीर का सुन्न हो जाना हाथ पैरो में झुनझुनी आना
- याददाश्त कमजोर होना और अधिक डिप्रेशन में रहना
कैल्शियम की कमी को दूर करने के उपाय
कैल्शियम की कमी को दूर करना कोई बड़ा कम नहीं है आप बस अपने रोज के कम में थोडा सा बदलाव करके ही इस कमी को दूर कर सकते है थोडा सा समय अपने लिए निकालिए और यहाँ बताये जा रहे उपाय को कीजिये जिससे आपको ज्यादा परेशानी होने से पहले ही कैल्शियम की पूर्ती हो जाये.
अदरक की चाय:- एक बर्तन में डेढ़ कप पानी ले और उसमे एक इंच अदरक का टुकड़ा पीस कर डालें और उसे उबालें जब पानी एक कप रह जाए तो उसे चाय की तरह पियें इससे आपके शारीर में कैल्शियम की कमी दूर हो जाएगी.
जीरे का पानी:- एक बर्तन में दो गिलास पानी ले फिर उसमे जीरा डाले और भिगो कर रखें सुबह उस पानी को उबालें जब पानी आधा रह जाये तो पानी को छान कर पियें ये आपके शारीर के लिए बिलकुल लाभदायक है.
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तिल का सेवन:- रोजाना 2 चम्मच भुने हुए तिल का सेवन करें यदि आप चाहे तो स्वाद बदलने के लिए तिल की चिक्की और लडडू भी खा सकते हैं.
रागी का सेवन:- हफ्ते में कम से कम दो बार रागी से बनी इडली, दलिया या चीला खाएं इससे पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलेगा और आप जल्द ही कैल्शियम की कमी से निजत पा लेंगे.
विटामिन डी युक्त पदार्थो को भोजन में शामिल करें:- आपको विटामिन डी वैसे तो सूरज की रोशनी से भी प्राप्त हो जाता है लेकिन ये केवल सुबह 8-10 बजे ही मिलती है इसलिए आपको अपने भोजन में कुछ ऐसे पदार्थो को भी शामिल करना चाहिए जिससे आपको विटामिन डी मिले जैसे:- वसायुक्त मछली, दूध, अनाज, पनीर, अंडा, मक्खन आदि.
मैग्नीशियम युक्त पदार्थो का सेवन:- जैसे हमारे शारीर को कैल्शियम की जरूरत होती है उसी प्रकार मैग्नीशियम की भी जरुरत होती है इसलिए हमें भोजन में ऐसे पदार्थो को भी लेना चाहिए जिनसे हमें मैग्नीशियम की कमी की पूर्ती हो जैसे: पलक, शलगम, सरसों, ब्रोकोली, ऐवोकैड़ो, खीरा, हरी सेम, साबुत अनाज, कददू के बीज, तिल के बीज, बादाम और काजू आदि.
डेयरी प्रॉडक्ट :- डेयरी प्रॉडक्ट जैसे दूध, दही, पनीर आदि कैल्शियम का समृद्ध स्त्रोत माने जाते हैं। ऐसे में आप नियमित रूप डेयरी प्रॉडक्ट को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं । कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत पनीर होता है. पनीर भी आपका हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकता है. इसके साथ पनीर हड्डियों के लिए भी लाभदायक माना जाता हैा. कैल्शियम हासिल करने का पनीर भी बेहतर विकल्प है. पनीर कैल्शियम के साथ प्रोटीन के लिए भी उपयुक्त माना जाता है.
संतरा (Orange) :- संतरे में विटामिन डी के साथ ही कैल्शियम की भी प्रचुर मात्रा पाई जाती है. संतरे का रोजाना सेवन करने से आप हड्डियों को मजबूत कर कई और परेशानियों से भी राहत पा सकते हैं. संतरे से भी शरीर में कैल्शियम की पूर्ति की जा सकती है.
बादाम (Almond) :- बादाम खाना स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक माना जाता है. बादाम भी कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है. बादाम न सिर्फ हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं यह आपका ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल कर सकते हैं. बादाम में उच्च कैल्शियम पाया जाता है. इसके अलावा प्रोटीन की मात्रा भी इसमें काफी होती है.
अंजीर (Fig) :- अंजीर को ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के साथ स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माना जाता है. इसमें कैल्शियम के साथ ही फाइबर और पोटैशियम की मात्रा भी पाई जाती है. इसके सेवन से हड्डियों को मजबूती मिलती है और मैग्नीशियम की मदद से हार्ट बीट सही बनी रहती है.
फिश :- अगर आप नॉन−वेजिटेरियन हैं तो आप फिश जैसे साल्मन आदि खा सकते हैं। इससे आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिलता है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन आपके शरीर को कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में मिले, इसके लिए आपको विटामिन डी इनटेक पर भी ध्यान देना होता है। दरअसल, विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के अब्जार्ब होने में मदद करता है। इसलिए आप अपनी डाइट में कैल्शियम के साथ−साथ विटामिन डी युक्त आहार भी लें। वैसे विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत सूरज की रोशनी मानी जाती है।
भोजन में कोनसी सब्जियां शामिल करनी चाहिए:- टमाटर, ककड़ी, मूली, मेथी, करेला, चुकन्दर, हरी पत्तेदार सब्जियां, अरबी के पत्ते, पालक आदि। गहरी और हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम का बेस्ट नॉनडेयरी स्त्रोत हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों में उच्च मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। साथ ही इनमें विटामिन के भी होता है, जो बोन मेटाबॉलिज्म के लिए बेहद जरूरी है।
पपीता का सेवन:- पपीते में ढेर सारा विटामिन सी होता है रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों के अदंर विटामिन सी की कमी होती है उनमें जोड़ो का दर्द आम बात है इसलिए उन्हें नियमित रूप से पपीता का सेवन करना चाहिए इससे कैल्शियम की कमी दूर की जा सके|
सेब का सेवन:- सेब खाने से आप जोड़ों के दर्द तथा उसकी क्षतिग्रस्त से बच सकते हैं सेब जोडों में कोलाजन बनाने में मदद करता है जो कि घुटने को झटके लगने से बचाता है जिससे घुटने खराब नहीं होते और सेब में आयरन भी पाया जाता है जो की आपने खून में आयरन की कमी को पूरा करता है यानि हम कह सकते है कि सेब के सेवन से एक साथ दो कमी को दूर किया जा सकता है|
ग्रीन-टी का सेवन:- यह जोड़ों के कार्टिलेज को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होता है जिससे फ्री रैडिकल्स हड्डियों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते रोजाना एक कप ग्रीन टी आपको जोड़ों के दर्द से बचा सकते हैं|
अदरक का सेवन:- अदरक को हम एक औषधी के रूप में भी उपयोग कर सकते है अदरक में एक ऐसा गुण पाया जाता है जो दर्द से व सूजन से तुरत राहत देता है आप चाहे तो अदरक को चाय में डाल कर चाय पी सकते है यदि आप चाय में लेना नहीं चाहते तो आप ऐसे भोजन में भी डाल कर पका के खा सकते है|
काली बींस का सेवन:- यह मैग्नीज और अन्य तत्व से भरा हुआ होता है, जो जोडों के स्वास्थ्य के लिये बहुत जरुरी है इसमे एंथोकायनिन्स होता है जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट होता है यह शरीर से फ्री रैडिकल्स को बाहर निकालता है और जोडों को खराब होने से रोकता है|
कैल्शियम रिच स्नैक्स :- दिन के तीन बड़े मील के बीच में कई बार स्नैकिंग करने का मन करता है। ऐसे में आप कैल्शियम रिच स्नैक्स जैसे ब्राजील नट्स व बादाम आदि का सेवन कर सकते हैं। आप अपने पास एक कंटेनर में नट्स व सीड्स डालकर रखें और हल्की भूख लगने पर इनका सेवन करें। इसके अलावा आप सब्जियों या सलाद के ऊपर तिल छिड़कें। तिल के बीजों को भोजन में आसानी से शामिल किया जा सकता है और इनमें कैल्शियम भी उच्च मात्रा में पाया जाता है।
आप बताये गए सभी उपाय को आसानी से कर सकते है और अपने शारीर में हो रही कैल्शियम की कमी को दूर करके स्वास्थ्य हो सकते है कैल्शियम की कमी के कारण कभी कभी बड़ी परेशानियाँ भी सामने आ जाती है आप इन उपायों को करके उन परेशानियों से बच सकते है
रखें इसका ध्यान अगर आप चाहते हैं कि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी ना हो तो आप कैफीन, शीतल पेय और शराब का सेवन कम करें। वे सभी कैल्शियम अवशोषण को रोकते हैं और इसलिए इन सभी पेय पदार्थों का सीमित मात्रा में सेवन करना ही उचित है।
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