चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस का संक्रमण अब चीन के अलावा आसपास के देशों में भी फैल गया है. घातक कोरोना वायरस की चपेट में थाईलैंड, हांगकांग, यूरोप और भारत भी आ गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ चीन में ही कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 4500 पार कर चुकी है.
अब भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के केस सामने आने लगे हैं. भारत में इस वजह से चिंता फैल गई है. कई राज्यों में अलर्ट अब तक कोरोना वायरस के कारण 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. कई रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों के लिए अपना रास्ता बनाता है.
यहां हम आपको इसके लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में सब कुछ बता रहे हैं.
तेजी से फ़ैल रहा है कोरोना वायरस विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस सी-फूड से जुड़ी हुई बीमारी है. यह बीमारी चीन के सी-फूड बाजार से शुरू हुई. डब्लूएचओ के मुताबिक, यह वायरस ऊंट, बिल्ली, चमगादड़ सहित कई पशुओं में फैलने के बाद इंसानों में तेजी से फैल रहा है.
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सांस की बीमारी होती है और पीड़ित को ठंड लगती है, जो निमोनिया के लक्षण जैसे प्रतीत होते हैं. इस बीच सोशल मीडिया साईट पर एक व्यक्ति ने दावा किया है कि चीन में करीब एक हफ्ते से अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति का सफलता से इलाज हो चुका है.
क्या हैं कोरोना से प्रभावित व्यक्ति के लक्षण?
कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को लगातार छींक आती है, जिससे पीड़ित की एक नाक से हमेशा पानी आता रहता है. कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में खांसी, बुखार, गले में खराश, सांस फूलने और थकान के लक्षण पाए जाते हैं.
संक्रमण से बचने के लिए क्या करें?
कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए संक्रमित लोगों से दूर रहना चाहिए. भीड़ में जाने पर हाथ-मुंह धोना चाहिए, बुखार और खांसी होने पर घरेलू और सामान्य उपचार करने के बजाय तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. अगर आप सी फूड का सेवन करते हैं तो तुरंत उससे बचना चाहिए. कोरोना वायरस का संक्रमण पीड़ित व्यक्ति से हाथ मिलाने से भी हो सकता है.
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क्या है कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज?
कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों का अन्य दवाइयों के साथ इलाज किया जा रहा है. वैज्ञानिक कोरोना वायरस का इलाज और वैक्सीन बनाने का काम कर रहे हैं. रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन इस समय एचआईवी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा आलुविया से कोरोना का इलाज करने की कोशिश में जुटा है.
डॉक्टर का कहना है कि कोरोना से प्रभावित या संक्रमित व्यक्ति का इलाज विशेषज्ञ की निगरानी में ही कराया जाना चाहिए. आम तौर पर आप सर्दी-जुकाम कम करने के प्राकृतिक उपाय कर कोरोना के संक्रमण पर काफी हद तक काबू पा सकते हैं. इसके लिए रूम ह्युमिडिफायर का उपयोग या गर्म पानी से नहाने जैसे काम किये जा सकते हैं.
होम्योपैथी आर्सेनिकम एल्बम 30 दवा का करें सेवन
आयुष मंत्रालय द्वारा सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (CCRH) ने 28 जनवरी 2020 को अपने वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की 64 वीं बैठक में कोरोमैवायरस संक्रमण से बचाव के तरीकों और साधनों पर चर्चा की। विशेषज्ञों के समूह ने सिफारिश की है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 ( Arsenicum album30) को कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा बहुत कारगर है।
तीन दिन तक लगातार खाली पेट तीन ड्राप इस्तेमाल करने की डाक्टरों ने सलाह दी है। डाक्टरों के अनुसार दोबारा कोरोना वायरस संक्रमण न हो इसलिए एक महीने बाद दोबारा इसकी डोज दोहरानी चाहिए। विशेषज्ञ समूह ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सरकार द्वारा हवाई यात्राओं के द्वारा हो संक्रमणों की रोकथाम के लिए सामान्य स्वास्थ्य संबंधी उपाय करने की सलाह दी है।
आयुर्वेद में ये उपाय कर करें अपना बचाव
व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें। अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। अगर साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है। अनजाने लोगों के हाथों से अपनी आँखें, नाक और मुँह छूने से बचें। जो लोग बीमार हैं उनसे निकट संपर्क से बचें।
बीमार होने पर घर पर रहें। खांसी या छींक के दौरान अपना चेहरा ढंक लें और खांसने या छींकने के बाद अपने हाथों को धो लें। यदि आपको कोरोना वायरल संक्रमण का संदेह है, तो मास्क पहनें और तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।
• शदांग पनिया पीना इसमें लाभकारी होगा। इसको बनाने के लिए एक लीटर पानी में मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन, उडिय़ा और नागर नामक आयुर्वेदिक औषधि से बने 10 ग्राम पाउडर को डाले और इसे तब तक उबाले जब तक एक पानी आधा न हो जाए। फिर दस साफ बोतल में स्टोर कर इसका सेवन करें।
•त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) का पाउडर 5 ग्राम बना लें और तुलसी 3-5 पत्तों (1-लीटर पानी में उबाला जाता है, जब तक वो आधा न हो जाए और इसे एक बोतल में रख ले। इसे आवश्यकतानुसार और जब चाहें तब घूंट में लेते रहें।
• आयुर्वेदिक प्रथा में अनुसार इस रोग के लिए इम्यूनोमॉड्यूलेटरी ड्रग्स (Immunomodulatory drugs)कारगर हैं। अगस्त्य हरीतकी 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ ले।
•Samshamani Vati 500 मिलीग्राम एक दिन में दो बार ले।
• Pratimarsa Nasya उपचार के तहत दोनों नाक में प्रतिदिन सुबह-शाम दो बूंद अनु तैला / तिल का तेल लगाएं।
यूनानी पद्धति के अनुसार ऐसे करें इस वायरस से बचाच
• शरबतउन्नब (SharbatUnnab) की 10-20 एमएल दिन में दो बार
• TiryaqArba 3 से 5 ग्राम दिन में दो बार •TiryaqNazla 5 ग्राम दिन में दो बार
•खमीरामार्वर (KhamiraMarwaree) दिन में एक बार 3 से 5 ग्राम
• सिरऔर छाती पर रोगनबौना / रोगन माँ / कफूरी बाम से मालिश करें
• नाक नथुने में RoghanBanafsha धीरे से अप्लाई करें
• अर्कअजीब 4-8 बूंद ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें
• बुखार होने की स्थिति में Habb e IkseerBukhar 2 गोलियों को गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।
• शरबतनाजला 10 मिली 100 मिली गुनगुने पानी में दो बार रोजाना पिएं।
• क़ुरस ए सुआल 2 गोलियों को प्रतिदिन दो बार चबाना चाहिए
• शरबतखांसी के साथ एकल यूनानी दवाओं का सेवन करने से अर्क बहुत उपयोगी होता है।
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