
कोरोनावायरस की आयुर्वेदिक दवा आज आ गई. स्वामी रामदेव ने किया ऐलान- पतंजलि ने बना ली कोरोना पर दवाई. पतंजलि का दावा है कि उन्होंने कोरोना वायरस को मात देने वाली दवाई को बना लिया है. योगगुरु रामदेव ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया.
कोरोना वायरस की महामारी ने दुनियाभर में तबाही मचाई हुई है. लेकिन अबतक इसका तोड़ निकालने वाली कोई दवाई नहीं बनी है. अब योगगुरु बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी का दावा है कि उन्होंने इस महामारी को मात देने वाली दवा तैयार कर ली है. मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव ने कहा कि दुनिया इसका इंतजार कर रही थी कि कोरोना वायरस की कोई दवाई निकले, आज हमें गर्व है कि कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवाई को हमने तैयार कर लिया है. इस आयुर्वेदिक दवाई का नाम कोरोनिल है.
रामदेव बोले कि आज ऐलोपैथिक सिस्टम मेडिसन को लीड कर रहा है, हमने कोरोनिल बनाई है. जिसमें हमने क्लीनिकल कंट्रोल स्टडी की, सौ लोगों पर इसका टेस्ट किया गया. तीन दिन के अंदर 65 फीसदी रोगी पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए.
योगगुरु रामदेव ने कहा कि सात दिन में सौ फीसदी लोग ठीक हो गए, हमने पूरी रिसर्च के साथ इसे तैयार किया है. हमारी दवाई का सौ फीसदी रिकवरी रेट है और शून्य फीसदी डेथ रेट है. रामदेव ने कहा कि भले ही लोग अभी हमसे इस दावे पर प्रश्न करें, हमारे पास हर सवाल का जवाब है. हमने सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन किया है.
कोरोनावायरस की आयुर्वेदिक दवा अगले एक हफ्ते में स्टोर में और फिर आएगी ऐप
प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगगुरु रामदेव बोले कि इस दवाई को बनाने में सिर्फ देसी सामान का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें मुलैठी-काढ़ा समेत कई चीज़ों को डाला गया है. साथ ही गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वासरि का भी इस्तेमाल किया गया.
रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद से बनी इस दवाई को अगले सात दिनों में पतंजलि के स्टोर पर मिलेगी, इसके अलावा सोमवार को एक ऐप लॉन्च किया जाएगा जिसकी मदद से घर पर ये दवाई पहुंचाई जाएगी.
पतंजलि का दावा है कि कोरोना वायरस को मात देने वाली ये दवाई आयुर्वेदिक है, इसका नाम कोरोनिल दिया गया है.
पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया कि पतंजलि ने आर्युवेद की मदद से कोरोना वायरस को मात देने वाली दवा बना ली है. कोरोना की बीमारी जब से आई थी हम तभी से इस दवाई को लेकर प्रयास कर रहे थे, अब ये हमारा प्रयास सफल हो गया है.
पतंजलि का दावा है कि यह शोध संयुक्त रूप से पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट (PRI), हरिद्वार एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (NIMS), जयपुर द्वारा किया गया है. दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी, हरिद्वार और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार के द्वारा किया जा रहा है.
कोरोनिल से 69 फीसद मरीज केवल 3 दिन में हो गए निगेटिव (कोरोनावायरस की आयुर्वेदिक दवा)
योग गुरु बाबा रामदेव आज कोविड-19 के इलाज के लिए ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ को लॉन्च कर दिया। कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल के लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव ने दावा किया कि इस दवा का जिन मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया, उनमें 69 फीसदी मरीज केवल 3 दिन में पॉजीटिव से निगेटिव और सात दिन के अंदर 100 फीसद रोगी कोरोना से मुक्त हो गए। दवा का प्रयोग 280 लोगों पर किया गया।
रामदेव ने कहा कि कोरोनावायरस की आयुर्वेदिक दवा का सौ फीसद रिकवरी रेट है और शून्य फीसदी डेथ रेट है। भले ही लोग अभी हमसे इस दावे पर प्रश्न करें, हमारे पास हर सवाल का जवाब है। हमने सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन किया है।
बता दें पतंजलि आयुर्वेद की औषधि ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ का कोविड-19 मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल के परिणामों की घोषणा आज पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की। इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि पूरा देश जिस क्षण की प्रतीक्षा कर रहा था कि कहीं से इसकी दवा मिल जाए। उन्होंने ने कहा कि आयुर्वेद की पहली कोरोनावायरस की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि ने बना ली है, जो क्लीनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल के बाद आज लॉन्च होने के लिए तैयार है।
पतंजलि योगपीठ के मुताबिक कोरोना टैबलेट पर हुआ यह शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इस दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में किया जा रहा है। इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम, शोधकर्ता और चिकित्सक भी मौजूद है। कुछ दिन पहले आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया था कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान में पांच माह तक चले शोध और चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण के बाद कोरोनावायरस की आयुर्वेदिक दवा तैयार करने में सफलता मिली है। इसके लिए जरूरी क्लीनिकल केस स्टडी पूरी हो चुकी है, जबकि क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल अपने अंतिम दौर में है।
क्या-क्या है दवा में शामिल
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार दवा में अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस व अणु तेल हैं। यह दवा अपने प्रयोग, इलाज और प्रभाव के आधार पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रमुख संस्थानों, जर्नल आदि से प्रामाणिक है। अमेरिका के बायोमेडिसिन फार्माकोथेरेपी इंटरनेशनल जर्नल में इस शोध का प्रकाशन भी हो चुका है।
भारत में कोरोना की कई दवाएं मौजूद
देश में कोरोना के इलाज के लिए अबतक मुख्य रूप से तीन दवाएं- सिप्रेमी, फैबीफ्लू और Covifor इस्तेमाल हो रही हैं। सिप्रेमी और Covifor एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर के जेनेरिक वर्जन हैं। वहीं फैबीफ्लू में इन्फ्लुएंजा की दवा Favipiravir का जेनेरिक रूप है। इन तीनों को हाल ही में अप्रूवल मिला है।
ऐसे काम करती है दवा
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक दिव्य कोरोनिल टैबलेट में शामिल अश्वगंधा कोविड-19 के आरबीडी को मानव शरीर के एसीई से मिलने नहीं देता। इससे संक्रमित मानव शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता। वहीं गिलोय भी संक्रमण होने से रोकता है। तुलसी का कंपाउंड कोविड-19 के आरएनए-पॉलीमरीज पर अटैक कर उसके गुणांक में वृद्धि करने की दर को न सिर्फ रोक देता है, बल्कि इसका लगातार सेवन उसे खत्म भी कर देता है। वहीं श्वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है और बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों की सूजन कम कर देता है।
यहां देखिए बाबा रामदेव की प्रेस कॉन्फ्रेंस की पूरी अपडेट
- बाबा रामदेव ने लॉन्च की कोरोना वायरस की तीन दवाइयां। एक श्वासारि बट्टी, दिव्य कोरोनिल टैबलेट और अणु तेल। एकसाथ करना है इनका उपयोग।
- प्लेसवो क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल 100 लोगों के ऊपर किया गया। ये सभी 15 से 65 आयु वर्ग के हैं। इससे तीन दिन में 69 फीसद मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं।
- दवाई बनाते वक्त सभी साइंटिफिक पैरामीटर का रखा गया ध्यान।
- सेकेेंड ट्रायल जल्द ही क्रिटिकल मरीजों पर किया जाएगा।
- अणुनासिक तेल भी कोरोना की दवा में शामिल। ये तीन से पांच बूंद नाक में डालने से श्वास नलिका में कोरोना के प्रभाव को खत्म कर पेट तक ले जाता है।
- बाबा रामदेव ने बताया कि ये दवा ब्लडप्रेशर, हार्ट बीट और नाड़ी को भी कंट्रोल करती है।
- बाबा रामदेव ने किया आयुर्विदेक दवा कोरोनिल के सफल परीक्षण का दावा। तीन दिन में 69 फीसद मरीज हुए कोरोना से मुुक्त हुए।
- सौ लोगों पर किया गया था ट्रायल, सात दिन में रिपोर्ट नेगेटिव आई।
- ये दवाई स्वशन सिस्टम को मजबूत करती है, जिससे कोरोना संक्रमण का असर नहीं होता। इसके साथ ही
- दवा सर्दी जुकाम और बुखार को भी नियंत्रित करती है।
ऑनलाइन भी खरीद सकेंगे दवा, जानिए कीमत
कोरोना वायरस की दवा बाजार में आ गई है। साथ ही इसको ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। इसके लिए सोमवार को एप लॉन्च किया जाएगा। पतंजलि के मुताबिक कोरोना वायरस की दवा कोरोनिल की कीमत 400 रुपये, श्वासारि रस बट्टी की कीमत 120 और अणनासिक तेल की कीमत 25 रुपये है। एक महीने की दवा 545 रुपये में उपलब्ध होगी।
दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में बन रही है दवा
आपको बता दें कि पतंजलि योगपीठ की ओर से बताया गया है कि कोरोना टैबलेट पर हुआ यह शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। टैबलेट का निर्माण दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में किया जा रहा है।
जानिए दवा में शामिल मुख्य घटक
दवा के मुख्य घटक अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल होंगे। इनका मिश्रण और अनुपात शोध के अनुसार तय किया गया है, जिससे ये कोरोना वायरस के प्रभाव को पुख्ता तरीके से खत्म कर देता है। इतना ही नहीं इसका नियमित इस्तेमाल व्यक्ति को कोरोना संक्रमित ही नहीं होने देता।
Nice
Koronil prise
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