
1. इस आवश्यक विटामिन की कमी ही डिमेंशिया के प्रमुख कारणों में से एक है। यदि आप समय से पहले मनोभ्रंश से पीड़ित हो गए हैं, तो इसकी पूरी संभावना है की शायद आप बी 12 की कमी से भी पीड़ित हो सकते हैं। आप इस कमी को आसानी से पूरक आहार के द्वारा पूरा कर सकते है जिनमें शामिल है। सार्डिन, झींगा, टूना, बीफ और दहीजैसे खाद्य पदार्थों का सेवन जिससे आप डिमेंशिया की समस्या को ख़त्म कर सकते है। इसी तरह की अन्य जानकरी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।
2. केला पोटेशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत माना जाता हैं, जिसकी वजह से आप आसानी से डिमेंशिया का घरेलू उपचार कर सकते है। केला एक उत्कृष्ट वासोडिलेटर कहलाता है, जो मस्तिष्क में ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है और स्मृति हानि की संभावना को कम करता है और एकाग्रता में सुधार करता है।
3. पालक और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियों में फोलेट और बी 9 की समृद्ध मात्रा पायी जाती हैं, जिसे डिमेंशिया के इलाज के लिए एक रामबाण इलाज माना जाता है। पालक अवसाद के जितने भी निम्न स्तर होते हैं, जो मनोभ्रंश का एक प्रमुख कारण भी हो सकते है, उनको ठीक करने का काम करते है।
4. मनोभ्रंश रोग को ठीक करने के लिए आप गोभी का सेवन भी कर सकते है जो एक अच्छा घरेलू तरीका है। यह क्रूसिफेरस सब्जी फोलेट और कैरोटीनॉयड दोनों का ही एक समृद्ध स्रोत माना जाता है, जो होमोसिस्टीन के स्तर को कम करने में मदद करता है। होमोसिस्टीन को मनोभ्रंश रोग के इलाज के लिए माना जाता है।
5. मनोभ्रंश की बीमारी के लिए नारियल तेल का घरेलू नुस्खा भी अपनाया जा सकता है। नारियल तेल मस्तिष्क के संचार को बढ़ावा देता है और मनोभ्रंश के शुरुआती लक्षणों से पीड़ित लोगों में एक सामान्य अनुभूति पैदा करता है जिससे तंत्रिका क्षति होने से बचाया जा सकता है।
6. मनोभ्रंश रोग के लिए अदरक एक बहुत ही बेहतर घरेलू उपचार है। अगर आप डिमेंशिया की बीमारी से पीड़ित है तो आप अदरक का सेवन करके आराम से इस बीमारी का इलाज कर सकते है। आप अदरक का सेवन चाय में भी कर सकती है और चाहें तो सीधे आप अदरक के टुकड़े भी खा सकते है और इसका लाभ ले सकते है।
7. एक अन्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटी अश्वगंधा भी डिमेंशिया का अच्छा आयुर्वेदिक इलाज है। कई प्रारंभिक अध्ययन में पाया गया है की अश्वगंधा को बीटा-एमिलॉइड के गठन को रोकने के लिए माना गया है। अश्वगंधा में ऑक्सीडेटिव तनाव (एक कारक जो अल्जाइमर रोग के विकास और प्रगति में योगदान करता है) को कम करके मस्तिष्क को लाभ पहुंचाने का गुण होता है।
8. हल्दी आयुर्वेद में लंबे समय से इस्तेमाल होने वाला एक मसाला है जो डिमेंशिया के लिए बहुत ही उपयोगी घरेलू उपाय है। इसमें कर्क्यूमिन नामक एक यौगिक होता है, जिसमें एंटीऑक्सिडेंटऔर एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। कई शोध से पता चलता है कि हल्दी मस्तिष्क स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है और बीटा-एमिलॉइड जो एक प्रोटीन का हिस्सा है वह मस्तिष्क को साफ करके अल्जाइमर रोग को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, हल्दी मस्तिष्क के तंत्रिका कोशिकाओं को टूटने से बचाती है और मस्तिष्क स्वास्थ्य को ठीक रखती है।