
जामुन के मौसम में २००-३०० ग्राम बढ़िया और पके हुए जामुन प्रतिदिन खाली पेट खाने से लिवर की खराबी दूर हो जाती है। फैटी लिवर में भी इसका इस्तेमाल अचूक सिद्ध होता है।

आंवले का रस २५ ग्राम या सूखे आंवले का चूर्ण चार ग्राम पानी के साथ, दिन में तीन बार सेवन करने से पंद्रह से बीस दिन में यकृत के सारे दोष दूर हो जाते हैं। यही नहीं आंवले का सेवन आपको कई अन्य अतिरिक्त लाभ भी प्रदान करता है।

छाछ को हम लोग वैसे भी पेट की छोटी-मोटी बीमारियों में इस्तेमाल करते रहे हैं। फैटी लिवर में छाछ जिसमें जीरा, काली मिर्च और नमक मिला हुआ हो दोपहर के भोजन के बाद सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है।

प्याज आमतौर पर कई रोगों में आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका इस्तेमाल हम फैटी लिवर के उपचार में भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको बस इतना करना है कि दिन में दो बार प्याज खाएं। ऐसा करने से लाभ होगा।

अखरोट में पाया जाने वाला ओमेगा – ३ फैटी एसिड से समृद्ध खाद्य पदार्थ लिवर कि स्वास्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं। स्टडी से पता चला है की अखरोट खाने वाले लोगों में गैर-मादक फैटी लिवर रोग की सम्भावना कम होती है।

हल्दी को सबसे असरदार मसालों में से एक माना जाता है, जो लिवर को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है और उसे स्वस्थ बनाए रखता है। इसके अलावा हल्दी लिवर में स्वस्थ सेल्स को उत्पन्न करती है।

प्रतिदिन दो चम्मच पपीते के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पियें। इससे पेट सम्बंधित कई परेशानियों से निजात मिलती है। खासकर यह लिवर सिरोसिस में लाभकारी होता है।

एक गिलास पानी में एक चम्मच सिरका और शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार लें यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को निकालने में मदद करता है, जिससे लिवर ठीक तरह से काम करने लगता है।

इसके लिए आपको सौ ग्राम पानी में आधा नींबू निचोड़कर काला नमक डालें और इसे दिन में तीन बार पीने से लिवर की खराबी मात्र १५ दिनों में ठीक होती हैं।
