
बेकिंग सोडा:
1 चम्मच बेकिंग सोडा में 1 चम्मच नमक और पानी मिलाएं। अब इस पेस्ट को रूई की मदद से प्रभावित हिस्से पर लगाकर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर उसे साफ कर लें। बेकिंग सोडा में एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है जो इंफेक्शन को कम करता है।
नारियल तेल:
1-2 चम्मच नारियल तेल को गर्म पानी में मिलाएं और उससे माउथ वॉश करें। ऐसा दिन में दो बार करें। नारियल तेल में लौरिक एसिड होता है जो सूज़नको कम करता है और इंफेक्शन को कम करता है।
हल्दी:
हल्दी फोड़े की समस्या को कम करता है ।1 चम्मच हल्दी पाउडर में 1 चम्मच दूध या पानी मिलाएं और इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाकर 20-30 मिनट तक छोड़ दें। अब इसे साफ पानी से धो लें। इस विधि को दिन में 2-3 बार करें। हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होता है जो फोड़े की समस्या को कम करता है।
नीम:
कुछ नीम के पत्ते को पीस लें और उस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाकर 15-20 मिनट तक छोड़ दें और फिर धो लें। इस विधि को हर कुछ घंटों पर करें। नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होता है । जो फोड़े के इंफेक्शन को कम करता है।
मेथी का पेस्ट:
मेथी के पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाएं और उसे सूखने दें। अब एक साफ कपड़ें को गर्म पानी में डालें और उससे पेस्ट को साफ करें। इस विधि को दिन में 2-3 बार करें।
इमली और पानी:
फोड़े-फुन्सी में इमली का रस पीने से काफी लाभ होता है| 25-30 ग्राम इमली का गूदा पानी में भिगो दें| जब गूदा फुल जाए तो उसे पानी में मथकर इस शरबत को छानकर पी जाएं|
मुल्तानी मिट्टी और पिंडोर:
मुल्तानी मिट्टी या पिंडोर को पानी में भिगोकर फोड़े-फुंसियों पर लगाएं| दो-तीन दिन तक नियमित रूप से लगाने पर फोड़ा बैठ जाएगा|
पानी और मेहंदी:
दो कप पानी में थोड़े से मेहंदी के पत्ते डालकर उबालें| इसके बाद उस पानी को छानकर रुई के फाहे से फोड़ा-फुंसी धोएं| दो दिन में ही काफी लाभ हो जाएगा|
चंदन, मुल्तानी मिट्टी और नीबू:
यदि गरमी के कारण फुंसियां उभर आई हों तो एक चम्मच पिसा हुआ चंदन, एक चम्मच पिसी हुई मुल्तानी मिट्टी, एक चम्मच चोकर तथा चार-पांच बूंदें नीबू की डालकर लेप बना लें| यह लेप फुंसियों पर लगाएं|
केला और गोमूत्र:
यदि फोड़ा पक गया हो और फूटता न हो तो केले की जड़ की एक गांठ धोकर पीस लें| फिर उसमें थोड़ा गोमूत्र मिलाकर फोड़े पर लगाकर पट्टी बांध दें|