
गैस्ट्रिटिस वह अवस्था है जिसमें पेट के म्यूकोस में सूज़न आ जाती है। म्यूकोस में शामिल सेल एसिड और एंजाइमों का उत्पादन करते है, जो भोजन को पचाने में मदद करने के लिए भोज्य पदार्थ के बड़े अंश को छोटे-छोटे भाग में तोड़ने का काम करते है। यह म्यूकस का उत्पादन भी करता है जो एसिड की समस्या से बचाता है। गैस्ट्रिटिस एसिड, एंजाइमों और म्यूकस को कम उत्पादन की ओर ले जाता है।
खाद्य पदार्थ से एलर्जी
गैस्ट्रिटिस की समस्या में पेट में गैस बनती है। ऐसे में पेट फूल जाता है और पेट में दर्द होता है। इसलिए सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किस खाद्य पदार्थ को लेने से ऐसा हो रहा है। यानि किसी खाने के पदार्थ से परेशानी हो रही है, तो गैस्ट्रिटिस से बचने के लिए उसका सेवन तुरंत बंद कर दें।
गैस बनाने वाला भोजन न करें
गैस्ट्रिटिस की समस्या का सबसे बड़ा कारण है गैस बनाने वाले भोजन का सेवन करना। जैसे- सेम, मटर, केक, कार्बोनेट युक्त सामग्री, खट्टा फल, फूल गोभी, बंद गोभी और सुपारी आदि। यदि आप गैस बनाने के लिए जिम्मेदार भोजन का सेवन ज्यादा करते हैं, तो इनका सेवन बंद कर दें। कुछ लोगों में गैस बनने का कारण ज्यादा समय तक भूखा रहना भी होता है।
समय पर भोजन
नियमित रूप से भोजन न करने से गैस्ट्रिटिस की समस्या हो सकती है। अक्सर लोग सुबह के समय नाश्ता नहीं करते और दिन में एक साथ ज्यादा खा लेते है। यह गलत आदत है और इससे गैस्ट्रिटिस की समस्या पैदा होती है। इस तरह की समस्या से बचे रहने के लिए आपको नियमित रूप से भोजन करना चाहिए। समय पर नाश्ता और भोजन करने से गैस की समस्या कम होती है। साथ ही भोजन को चबाकर खाना चाहिए।
कम मसालेदार खाना
ज्यादा तेल और मिर्च मसाले वाला तला हुआ गरिष्ठ भोजन भी गैस्ट्रिटिस का कारण होता है। इस तरह के खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शमिल करने से परहेज करें। आहार में हरी सब्जियों को शामिल करें, भूख से हमेशा थोड़ा कम ही खाएं ताकि भोजन आसानी से पच सकें। साथ ही यह ध्यान रखें कि खाना खाने के आधे घंटे बाद ही पानी पिएं।
शराब से बचें
ज्यादा शराब पीने की आदत गैस्ट्रिटिस की समस्या को बढ़ाती है। हालांकि शराब इस समस्या का एकमात्र कारण नहीं है, लेकिन शराब को न लेने या इसका सेवन सीमित करने से भविष्य में होने वाले गैस्ट्रिटिस के जोखिम से बचा जा सकता है।
छोटे और नियमित आहार
गैस्ट्रिटिस की समस्या पेट से जुड़ी समस्या है इसलिए हमेशा पेट को आराम देने के लिए छोटे (स्मॉल) भोजन लेने की सलाह दी जाती है। भारी भोजन आपकी गैस्ट्रिटिस की समस्या को तकलीफदेह बना देता है। इसके अलावा अपने आहार में लैक्टोज और ग्लूटन जैसे आहार लेने से बचें।
इलाज़
गैस्ट्रिटिस में पेट में बनने वाले एसिड को कम करने का प्रभावी ढंग से इलाज ऐन्टैसिड और अन्य दवाओं से किया जा सकता है। अन्यथा एसिड सूज़न क्षेत्रों में और ज्यादा जलन पैदा करने का कारण भी हो सकता है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि गैस्ट्रिटिस के दौरान एस्पिरिन और NSAIDs (नॉन-स्टेरॉइडल-एंटी-इंफ्लेमेटरी-ड्रग) जैसी दवाओं से बचें।
Pingback: सोते समय सिर किधर रखें और पैर किधर, ध्यान रखें ये बातें - All Ayurvedic
Pingback: मखाना खाने से डायबिटीज़, मर्दाना कमज़ोरी सहित अनेक रोगों में फायदा होता है! - All Ayurvedic
Pingback: रोज सुबह पिए 1 ग्लास लौंग का पानी, 21 दिनों में १० किलो वजन घटाएं - All Ayurvedic
Pingback: धतूरे के फायदे और घरेलू आयुर्वेदिक उपचार - All Ayurvedic
Pingback: देसी गाय का दूध अमृत वहीं जर्सी गाय का दूध जहर से कम नहीं - All Ayurvedic
Pingback: एक परिवार एक नौकरी योजना 2020 के बारे में जानिए सब कुछ - All Ayurvedic
Pingback: ॐ पर्वत से जुड़े रोचक और अनसुलझे रहस्य | OM Parvat Secret - All Ayurvedic
Pingback: HIGH BP, cholesterol, दिल की बिमारी है तो इसे खाना शुरू कर दो - All Ayurvedic
Pingback: दवाईयां भी फेल हैं इस रस के आगे, 350 रोगों की अकेले करता है छुट्टी - All Ayurvedic
Pingback: सहजन खाने से होती है 300 से ज्यादा बीमारिया दूर - All Ayurvedic
Gas jayda banta hai pichale 4 months se
Eske liye shir koi dawa bataye
What’s app number-8181810841
Devvrat Patel
Pingback: सोते समय सिर किधर रखें और पैर किधर, ध्यान रखें ये बातें
Pingback: दवाईयां भी फेल हैं इस रस के आगे, 350 रोगों की अकेले करता है छुट्टी
Pingback: सहजन खाने से होती है 300 से ज्यादा बीमारिया दूर
Pingback: गेंहू जवारे का रस, 300 रोगों की अकेले करता है छुट्टी - All Ayurvedic