
अगर आपको भी कान दर्द की शिकायत है तो ये बताने की जरूरत नहीं है कि ये कितना तकलीफदेह होता है. कई बार कान के भीतर गंदगी जम जाने से या फिर किसी तरह के संक्रमण की वजह से कान में दर्द की शिकायत हो जाती है.
इसके साथ ही सामान्य सर्दी, कान में खोंट या फिर किसी दूसरी वजह से जब कान बंद हो जाता है तो दर्द होने लगता है. कान में दर्द की शिकायत किसी वर्ग विशेष की नहीं है, ये छोटे से लेकर बड़ी उम्र तक किसी को भी हो सकता है. अगर कान में दर्द सामान्य स्तर का है तो आप इन घरेलू उपायों से भी उसे ठीक कर सकते हैं
अदरक कान दर्द की दवा के रूप में
अदरक को पीसकर जैतून के तेल के साथ मिलाएं। लगभग 10 मिनट बाद इस मिश्रण की दो बूंदें इयर ड्रॉपर की मदद से कान में डालें। अदरक कान में दर्द की दवा के रूप में काम कर सकता है। यह एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है। इसमें दर्द निवारक गुण भी मौजूद होते हैं, जिससे कान में दर्द से निजात पाने में मदद मिल सकती है।
लहसुन
लहसुन की कलियों को कुचलें। फिर उन्हें जैतून और नीलगिरी तेल के साथ गर्म करें। मिश्रण को ठंडा होने दें। अब दो-तीन बूंदें कान में डालें। जब तक कान दर्द ठीक नहीं होता, रोजाना दो बार इसका उपाय करें। लहसुन का इस्तेमाल नेचरोपैथिक इलाज में भी किया जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जो कान के संक्रमण से छुटकारा दिलाने का कार्य कर सकते हैं। कान में दर्द के इलाज के लिए लहसुन का प्रयोग किया जा सकता है।
सेब का सिरका
ड्रॉपर से सेब के सिरके की कुछ बूंदें कान में डालें। फिर इसे सूखने दें। हर 12 घंटे में डाले। सेब का सिरका एंटी-इफेक्टिव गुणों से समृद्ध होता है। विनेगर अन्य संक्रमणों के साथ-साथ कान से जुड़े संक्रमणों पर भी प्रभावी रूप से काम कर सकता है। अगर कान में दर्द की वजह से कोई संक्रमण है, तो यहां विनेगर एक कारगर कान दर्द का घरेलू इलाज साबित हो सकता है।
पुदीना का तेल
पुदीना के पत्ते को कुचलें और जैतून के तेल में गर्म करें। एक-दो मिनट के लिए तेल में डुबो कर रखें। फिर तेल की दो बूंदें कान में डालें। कान में दर्द का इलाज करने के लिए पुदीने के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। पुदिना विटामिन-सी से समृद्ध होता है और विटामिन-सी को कारगर दर्द निवारक के रूप में जाना जाता है। पुदीने में मौजूद विटामिन-सी कान दर्द पर प्रभावी असर दिखा सकता है।
जैतून का तेल
जैतून के तेल को गर्म करें और ठंडा होने के लिए अलग रख दें। अब तेल की दो से तीन बूंदें कान में डालें। कान दर्द से जल्द निजात पाने के लिए आप यह उपाय दिन में दो बार कर सकते हैं।
जैतून का तेल कान दर्द का घरेलू उपचार के लिए किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, जैतून तेल में मौजूद विटामिन-ई कान से संक्रमण पर प्रभावी असर दिखा सकता है, जिससे कान दर्द से राहत मिल सकती है।
सरसों का तेल
सरसों के तेल को गर्म कर लें और थोड़ी देर के लिए ठंडा होने दें।
रात में सोने से पहले 2 से 3 बूंदें कान में डालें। दर्द कम न हो तक दोहराते रहें। कान में दर्द के लिए सरसों तेल का चलन काफी पुराना है। ऐसा माना जाता है कि सहने योग्य गर्म सरसों का तेल कान दर्द से निजात दिलाने का काम कर सकता है। इस बात की वैज्ञानिक पुष्टि के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है।
नीलगिरी का तेल
गुनगुने पानी में नीलगिरी तेल की कुछ बूंदें मिलाएं। अब ड्रॉपर की मदद से तेल की दो-तीन बूंदें कान में डालें। कान दर्द के लिए नीलगिरी तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। नीलगिरी के तेल में दर्द निवारक गुण होते हैं, जो कान दर्द पर प्रभावी असर दिखा सकते हैं।
कान दर्द के दवा के लिए तुलसी
तुलसी और नारियल के तेल को मिला लें। फिर इसकी कुछ बूंदें कान में डालें। तुलसी का तेल आपको आसानी से मिल जाएगा, जो कान दर्द का घरेलू तरीके से इलाज करने में अधिक सहायक हो सकता है। इसमें कान के इन्फेक्शन से राहत दिलाने वाले गुण पाए जाते हैं, जो दर्द कम करने में लाभदायक होते हैं।
नमक
नमक को सबसे पहले गर्म कर लें। फिर साफ सूती कपड़े में गर्म नमक को बांध लें। अब कान के आसपास सिकाई करें। जरूरत पड़ने पर इस उपाय को करें। कान के दर्द से छुटकारा पाने के लिए कान के आसपास कपड़े से सिकाई लंबे समय से की जा रही है, लेकिन नमक के साथ कपड़े की सिकाई, कान दर्द के लिए कितनी फायदेमंद है, इस पर सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
10 . गरम पानी
गुनगने पानी को बोतल में डालें। फिर बोतल से कान के आसपास सिकाई करें। जरूरत पड़ने पर इस उपाय को करें।
जब बात कान दर्द के घरेलू तरीके की हो रही है, तो हम गुनगुने पानी को कैसे भूल सकते हैं। गुनगुने पानी को बोतल में डालकर कान के आसपास सिकाई करने से कान दर्द की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
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