सहजन का इस्तेमाल करने से यह वज़न घटाने में मदद करता है। यह एंटीबायोटिक और पेनकिलर का भी काम करता है और सूज़न एवं दर्द दूर करने में सहायक होता है। इसकी सब्जी खाने से क्षतिग्रस्त कोशिकाओं के मरम्मत में यह मदद करता है। सहजन के पत्ते का पाउडर कैंसर और दिल के रोगियों के लिए एक बेहतरीन दवा है। यह ब्लडप्रेशर कंट्रोल करता है। इसका प्रयोग पेट में अल्सर के इलाज के लिए किया जा सकता है। यह पेट की दीवार के अस्तर की मरम्मत करने में सक्षम है।
खाने में तो इसका स्वाद सबको खूब भाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फली और इसके पेड़ के भी स्वास्थ्य के लिए कई फायदे हैं। इनमें प्रोटीन, अमीनो एसिड, बीटा कैरटीन और विभिन्न फीनॉलिक होते हैं।
इनकी पत्तियों को ताजा या पाउडर के रूप में भोजन के पूरक के रूप में उपयोग किया जा सकता है। सहजन के पौधे में जड़ से लेकर सहजन के फूल, पत्तियों तक सेहत के गुण भरे हुए हैं।
कैल्शियम और विटामिन सी से भरपूर
सहजन की पत्तियों में कैल्शियम और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। 100 ग्राम सहजन की पत्तियों में 5 गिलास दूध के बराबर कैल्शियम होता है। इसके अलावा नींबू की तुलना में इसमें 5 गुना ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है। कैल्शियम और विटामिन-सी के अलावा सहजन की पत्तियों में प्रोटीन, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन-बी कॉम्पेक्स भी प्रचुर मात्रा में होता है।
कई बीमारियों का इलाज
सहजन की पत्तियों में कई तरह के गुण मौजूद हैं इसलिए ये शरीर की कई सामान्य और गंभीर बीमारियों में फायदेमंद है। हैज़ा, दस्त, पेचिश, पीलिया और कोलाइटिस जैसे रोगों के लिए सहजन की पत्तियों का रस पीना काफी असरकारक होता है। सहजन की पत्तियों का रस बनाने के लिए इसे पानी में उबालकर छानकर ठंडा कर लें और फिर पियें।
खून की सफाई करती हैं
सहजन की पत्तियां ब्लड डिटॉक्सिफाई यानि खून की सफाई भी आसानी से कर सकती हैं। सहजन की पत्तियों का रस पीने से रक्त शुद्ध होता है और शरीर में मौजूद हानिकारक पदार्थ यूरिन के रास्ते से बाहर निकल जाते हैं। यह एक पॉवरफुल एंटीबॉयोटिक एजेंट के रूप में भी कार्य करता है। इसे आप जूस या सूप के तौर पर सेवन कर सकते हैं, इसके सेवन त्वचा संबंधी बीमारियों में लाभ मिलेगा।
चेहरे पर ग्लो के लिए
पोषक तत्व जैसे विटामिन बी, प्रो विटामिन, बीटा-कैरोटीन और प्रोटीन आदि सहजन के पत्तियों में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। सहजन की पत्तियों का इस्तेमाल चेहरे पर चमक लाने और बालों की अच्छी सेहत के लिए किया जाता है। सहजन की हरी पत्तियों को पीसकर चेहरे एवं बालों में लगाने से लाभ मिलता है।
वाटर प्यूरीफिकेशन में
स्वाद में मूली की तरह ही सहजन की जड़ का स्वाद होता है। सहजन का कटा हुआ जड़ की कुछ मात्रा मसालों के रूप में उपयोग की जाती है। इसका उपयोग परफ्यूम, दवा, उर्वरक और पानी को प्यूरिफाई करने के लिए किया जा सकता है। इसलिए इसके जड़ को बहुत उपयोगी माना जाता है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल रहेगा ठीक
सहजन के पत्ते में मौजूद एंजाइम अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को प्रभावी ढंग से कम करता है। ये आपके पेट के अंदरुनी हिस्से में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित करने में मदद करता है। इसलिए दिल की बीमारियों में भी सहजन की पत्तियों के रस का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
डायबिटीज को करे कंट्रोल
डायबिटीज की स्थिति में ब्लड में शुगर का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, जिसके कारण शरीर को कई तरह के गंभीर रोगों का खतरा होता है। सहजन के पत्ते राइबोफ्लेविन में समृद्ध होने के कारण ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसलिए सहजन के पत्तों के प्रयोग से डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
संक्रमण से बचाती हैं
सहजन में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण इंफेक्शन के खतरे को कम करते हैं। ये गले, त्वचा और छाती में होने वाले संक्रमण से बचाता है। गर्भावस्था में वायरस और बैक्टीरिया से प्रभावित होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में मां और बच्चे दोनों को ही इन संक्रमणों से खतरा रहता है। इसलिए गर्भावस्था में सहजन का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।