मखाना खाने के फायदे – मखाने देखने में तो गोल मटोल सूखे दिखाई देते है पर यह कई औषधीय गुणों से भरपूर होते है । हमारे स्वास्थ्य को तंदरूस्त रखने में मदद करते है। मखानों का प्रयोग हम भोजन में भी कर सकते है। मखाने में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाए जाते है। मखानों से तैयार खीर बहुत ही स्वादिष्ट होती है। सब्जी और भुजिया में भी मखाने डालें जाते हैं। मखाने खाने से शरीर को कई रोगों से छुटकारा मिलता है।
मखाना हम खाते रहते हैं उपवास में – मखाना खाने के फायदे
खीर के रूप में या नमकीन भुने रूप में मखाना कमल का बीज नहीं होता है ,इसकी एक अलग प्रजाति है, यह भी तालाबों में ही पैदा होता है लेकिन इसके पौधे बहुत कांटेदार होते हैं ,इतने कंटीले कि उस जलाशय में कोई जानवर भी पानी पीने के लिए नहीं घुसता, जिसमे मखाने के पौधे होते हैं। इसकी खेती बिहार के मिथिलांचल में होती है मखाना को देवताओं का भोजन कहा गया है ।
उपवास में इसका विशेष रूप से उपयोग होता है । पूजा एवं हवन में भी यह काम आता है । इसे आर्गेनिक हर्बल भी कहते हैं । क्यों कि यह बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशी के उपयोग के उगाया जाता है ।
अधिकांशतः ताकत के लिए दवाये मखाने से बनायी जाती हैं। केवल मखाना दवा के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता इसलिए इसे सहयोगी आयुर्वेदिक औषधि भी कहते हैं।
इसके औषधीय गुणों के चलते अमरीकन हर्बल फूड प्रोडक्ट एसोसिएशन द्वारा इसे क्लास वन फूड का दर्जा दिया गया है। यह जीर्ण अतिसार, ल्यूकोरिया, शाुणुओं की कमी आदि में उपयोगी है। इसमें एन्टी-ऑक्सीडेंट होने से यह श्वसन तंत्र, मूत्र-जननतंत्र में लाभप्रद है। यह ब्लड प्रेशर एवं कमर तथा घुटनों के दर्द को नियंत्रित करता है। इसके बीजों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, वसा, कैल्शियम एवं फास्फोरस के अतिरिक्त केरोटीन, लोह, निकोटिनिक अम्ल एवं विटामिन बी-1 भी पाया जाता है । मखाना खाने के फायदे
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मखाने में 9.7% आसानी से पचनेवाला प्रोटीन, 76% कार्बोहाईड्रेट, 12.8% नमी, 0.1% वसा, 0.5% खनिज लवण, 0.9% फॉस्फोरस एवं प्रति १०० ग्राम 1.4 मिलीग्राम लौह पदार्थ मौजूद होता है।
मखाना बनाने की विधि : (मखाना खाने के फायदे)
मखाने के क्षुप कमल की तरह होते हैं और उथले पानी वाले तालाबों और सरोवरों में पाए जाते है। मखाने की खेती के लिए तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तथा सापेक्षिक आर्द्रता 50 से 90 प्रतिशत होनी चाहिए।
मखाने की खेती के लिए तालाब चाहिए होता है जिसमें 2 से ढाई फीट तक पानी रहे। इसकी खेती में किसी भी प्रकार की खाद का इस्तेमाल नहीं किया जाता। खेती के लिए, बीजों को पानी की निचली सतह पर 1 से डेढ़ मीटर की दूरी पर डाला जाता है। एक हेक्टेयर तालाब में 80 किलो बीज बोए जाते हैं।
बुवाई के महीने दिसंबर से जनवरी के बीच के होते है। बुवाई के बाद पौधों का पानी में ही अंकुरण और विकास होता है। इसकी पत्ती के डंठल एवं फलों तक पर छोटे-छोटे कांटे होते हैं। इसके पत्ते बड़े और गोल होते हैं और हरी प्लेटों की तरह पानी पर तैरते रहते हैं।
अप्रैल के महीने में पौधों में फूल लगना शुरू हो जाता है। फूल बाहर नीला, और अन्दर से जामुनी या लाल, और कमल जैसा दिखता है। फूल पौधों पर कुछ दिन तक रहते हैं।
फूल के बाद कांटेदार-स्पंजी फल लगते हैं, जिनमें बीज होते हैं। यह फल और बीज दोनों ही खाने योग्य होते हैं। फल गोल-अण्डाकार, नारंगी के तरह होते हैं और इनमें 8 से 20 तक की संख्या में कमलगट्टे से मिलते जुलते काले रंग के बीज लगते हैं। फलों का आकार मटर के दाने के बराबर तथा इनका बाहरी आवरण कठोर होता है। जून-जुलाई के महीने में फल १-२ दिन तक पानी की सतह पर तैरते हैं। फिर ये पानी की सतह के नीचे डूब जाते हैं। नीचे डूबे हुए इसके कांटे गला जाते हैं और सितंबर-अक्टूबर के महीने में ये वहां से इकट्ठा कर लिए जाते हैं।
बीजों से मखाना कैसे बनता है? (मखाना खाने के फायदे)
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फलों में से बीजों को निकाल लिया जाता है। धूप में इन बीजों को सुखाया जाता है। सूखे बीजों को लोहे की कढ़ाई में सेंका जाता है। सेंकने से बीजों की अन्दर की नमी भाप में बदल जाती है और जब इन सिंके हुए बीजों को कड़ी सतह पर रखकर लकड़ी के हथौड़ों से पीटते हैं तो गर्म बीजों का कड़क खोल फट जाता है और अब बीज फटकर मखाना बन जाता है। इन्हें रगड़ कर साफ़ किया जाता है और पॉलिथीन में पैक कर दिया जाता है।
मखाना (Prickly Water Lily) के आयुर्वेदिक गुण (मखाना खाने के फायदे)
पाचन में सुधार करे :-
मखाना एक एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण, सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा आसानी से पच जाता है। बच्चों से लेकर बूढे लोग भी इसे आसानी से पचा लेते हैं। इसका पाचन आसान है इसलिए इसे सुपाच्य कह सकते हैं। इसके अलावा फूल मखाने में एस्ट्रीजन गुण भी होते हैं जिससे यह दस्त से राहत देता है और भूख में सुधार करने के लिए मदद करता है।
एंटी-एजिंग गुणों से भरपूर :-
मखाना उम्र के असर को भी बेअसर होता है। यह नट्स एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण उम्र लॉक सिस्टम के रूप में काम करता है और आपको बहुत लंबे समय तक जवां बनाता है। मखाना प्रीमेच्योर एजिंग, प्रीमेच्योर वाइट हेयर, झुर्रियों और एजिंग के अन्य लक्षणों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद :-
डायबिटीज चयापचय विकार है, जो उच्च रक्त शर्करा के स्तर के साथ होता है। इससे इंसुलिन हार्मोंन का स्राव करने वाले अग्न्याशय के कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। लेकिन मखाने मीठा और खट्टा बीज होता है। और इसके बीज में स्टार्च और प्रोटीन होने के कारण यह डायबिटीज के लिए बहुत अच्छा होता है।
किडनी को मजबूत बनाये :-
मखाने का सेवल किडनी और दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है। फूल मखाने में मीठा बहुत कम होने के कारण यह स्प्लीन को डिटॉक्सीफाइ करने, किडनी को मजबूत बनाने और ब्लड का पोषण करने में मदद करता है। साथ ही मखानों का नियमित सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और हमारा शरीर सेहतमंद रहता है।
दर्द से छुटकारा दिलाये :-
मखाना कैल्शियम से भरपूर होता है इसलिए जोड़ों के दर्द, विशेषकर अर्थराइटिस के मरीजों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर के किसी भी अंग में हो रहे दर्द जैसे से कमर दर्द और घुटने में हो रहे दर्द से आसानी से राहत मिलती है।
नींद न आने की समस्या से छुटकारा :-
मखाने के सेवन से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है। रात में सोते समय दूध के साथ मखाने का सेवन करने से नींद न आने की समस्या दूर हो जाती है।
कमजोरी दूर करना :-
मखानों का नियमित सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और हमारा शरीर सेहतमंद रहता है। मखाने में मौजूद प्रोटीन के कारण यह मसल्स बनाने और फिट रखने में मदद करता है।
मखाना शरीर के अंग सुन्न होने से बचाता है तथा घुटनों और कमर में दर्द पैदा होने से रोकता है।
प्रेगनेंट महिलाओं और प्रेगनेंसी के बाद कमजोरी महसूस करने वाली महिलाओं को मखाना खाना चाहिये।
मखाना का सेवन करने से शरीर के किसी भी अंग में हो रही दर्द से राहत मिलती है।
मखाना का सेवन करने से शरीर में हो रही जलन से भी राहत मिलती है।
मखाना को दूध में मिलाकर खाने से दाह (जलन) में आराम मिलता है। ६-मखानों के सेवन से दुर्बलता मिटती है तथा शरीर पुष्ट होता है।
वीर्य की कमी, मर्दाना कमजोरी, शुक्रमेह में इसे हलवे के साथ खाना चाहिए।
आटे, घी, चीनी के हलवे मखाने डाल कर खाने से गर्भाशय की कमजोरी और प्रदर की समस्या दूर होती है।
रोज खाएं मखाना और इन 6 बीमारियों को करें टाटा
मखाना एक हल्का-फुल्का स्नैक्स है जिसे हम सूखे मेवों में शामिल करते हैं। अगर इसे नियमित तौर पर सही तरीके से अपनी डाइट में शामिल किया जाए, तो इसके अगगिनत सेहत लाभ पाए जा सकते हैं। जानिए इसके 6 सेहत लाभ और सेवन करने की विधि
सेवन की विधि –
अगर आप जल्द से जल्द मधुमेह को खत्म करना चाहते है और सेहत के अन्य लाभ पाना चाहते हैं, तो सुबह खाली पेट चार मखाने खाएं। इनका सेवन कुछ दिनों तक लगातार करें।
आप मखाने के चार दानों का सेवन करके शुगर से हमेशा के लिए निजात पा सकते है। इसके सेवन से शरीर में इंसुलिन बनने लगता है और शुगर की मात्रा कम हो जाती है। फिर धीरे-धीरे शुगर रोग भी खत्म हो जाता है।
दिल के लिए फायदेमंद –
मखाना केवल शुगर के मरीज के लिए ही नहीं बल्कि हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों में भी फायदेमंद है। इनके सेवन से दिल स्वस्थ रहता है और पाचन क्रिया भी दुरूस्त रहती है।
तनाव कम –
मखाने के सेवन से तनाव दूर होता है और अनिद्रा की समस्या भी दूर रहती है। रात को सोने से पहले दूध के साथ मखानों का सेवन करें और खुद फर्क महसूस करें।
जोड़ों का दर्द दूर –
मखाने में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। इनका सेवन जोड़ों के दर्द, गठिया जैसे मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।
पाचन में सुधार –
मखाना एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो सभी आयु वर्ग के लोगों को आसानी से पच जाता है। इसके अलावा फूल मखाने में एस्ट्रीजन गुण भी होते हैं जिससे यह दस्त से राहत देता है और भूख में सुधार करने के लिए मददगार है।
किडनी को मजबूत –
फूल मखाने में मीठा बहुत कम होने के कारण यह स्प्लीन को डिटॉक्सीफाइ करता है। किडनी को मजबूत बनाने और ब्लड को बेहतर रखने के लिए खानों का नियमित सेवन करें।
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