गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज
अनियंत्रित जीवनशैली और बढ़ती उम्र का एक नकारात्मक प्रभाव गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस है। आपको बता दें कि ऑस्टियोपोरोसिस वह बीमारी है, जिसमें हड्डियों की गुणवत्ता और घनत्व कम होने लगता है, जिससे चलने-फिरने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं, गठिया से पीड़ित इंसान को जोड़ों में असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है।
डिप्रेशन से मुक्ति
इस समय की सबसे बड़ी बीमारियों में डिप्रेशन को गिना जाता है। यह कई मानसिक व शारीरिक रोगों का कारण बन सकता है और सबसे घातक परिणाम मृत्य भी हो सकता है। यह एक धातक विकार है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि अगर आप सुबह भ्रमण पर निकलते हैं, तो आप तनाव मुक्त हो सकते हैं। सुबह की ताजगी भरी सैर मन-मस्तिष्क को शांत करने में मदद करेगी।
शोध में पता चलता है कि अगर तनाव से ग्रसित इंसान रोज 20 से 40 मिनट की सैर करे, तो वो अपने तनाव का स्तर कम कर सकता है। इसलिए, डिप्रेशन से मुक्त होने के लिए आप रोजाना नियमित सुबह की सैर कर सकते हैं।
हृदय स्वास्थ्य
मॉर्निंग वॉक का सबसे बड़ा फायदा हृदय का ध्यान रखना भी है। सुबह की नियमित सैर आपको मजबूत बनाती है, जिससे आपको हृदय से जुड़े रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। हृदय की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए सुबह की सैर अच्छा विकल्प हो सकता है।
शोध से पता चलता है कि मात्र चलने से हृदय संबंधी जोखिम 31 प्रतिशत और इससे मरने का जोखिम 32 प्रतिशत तक कम हो सकता है। यह लाभ पुरुष और महिलाओं दोनों पर लागू होता है। हृदय स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए आप रोज सुबह की सैर का आनंद ले सकते हैं।
मधुमेह नियंत्रण
मधुमेह अनियंत्रित जीवनशैली के कारण होनी वाली आम बीमारियों में से एक है। वहीं, अगर आप सुबह घूमने जाते हैं, तो आप इस समस्या को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। शोध के अनुसार, सुबह 30 मिनट की सैर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ-साथ टाइप-2 डायबिटीज से निजात दिलाने में मदद कर सकती है।
कैंसर से बचाव
विशेषज्ञों का मानना है कि कैंसर का खतरा सुस्त और व्यस्त जीवनशैली की वजह से भी हो सकता है। ऐसे में सुबह की सैर कई तरह के कैंसर को दूर रखने में मदद करती है। सुबह की ताजगी भरी सैर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम करती, जिससे कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है।
यहां हम यह नहीं कर रहे हैं कि मॉर्निंग वॉक कैंसर का सटीक इलाज है, लेकिन यह कैंसर की आशंका को कम कर सकती है। शोध बताते हैं कि सुबह की सैर स्तन, किडनी, ओवेरियन और सर्वाइकल से जुड़े कैंसर से लड़ने में मदद कर सकती है।
बढ़ती है मस्तिष्क की कार्यक्षमता
मस्तिष्क की कार्यप्रणाली के लिए भी सुबह की सैर जरूरी है। नियमित व्यायाम जैसे मॉर्निंग वॉक आपकी याददाश्त को बढ़ा सकता है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बेहतर कर सकता है। जब आप चलते हैं, तो मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है और रक्त की आपूर्ति (Supply) में तेजी आती है, जिससे याददाश्त मजबूत होती है।
वजन घटाने में मदद
अनियंत्रित खान-पान और खराब जीवनशैली मोटापे का सबसे बड़ा कारण है। जब हम बिना शारीरिक परिश्रम के किसी भी वक्त भोजन का सेवन करने लग जाते हैं, तो इससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है। बाद में यही मोटापा कई बीमारियों का कारण बन सकता है। अगर आप इसे कम करना चाहते हैं, तो रोजाना नियमित रूप से मॉर्निंग वॉक करें। प्रतिदिन 30-40 मिनट की सैर आपकी अतिरिक्त कैलोरी को कम करने में मदद करेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि आहार में कोई बड़ा बदलाव किए बिना सुबह की सैर वजन घटाने में मदद कर सकती है। मोटापे से परेशान लोगों पर किए गए शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि मात्र चलने से ही शरीर का फैट कम हो सकता है, शरीर में लचक बढ़ सकती है और मांसपेशियों को मजबूती मिल सकती है।
इम्यून सिस्टम होता है मजबूत
रोजाना सैर से शरीर में रक्त संचार बेहतर बना रहता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली पर पड़ता है। शरीर में रक्त का प्रवाह सही होने से ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार आता है। प्रतिदिन 30 मिनट की सैर आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत कर बीमारियों से लड़ने में मदद करेगी।
थकान से मुक्ति
सुबह की सैर से आपकी थकान दूर होती है और आप दिनभर खुद को तरोताजा महसूस कर सकते हैं। सुबह की ताजी हवा शरीर में स्फूर्ति प्रदान करने का काम करती है और आपको ऊर्जावान बनाती है। यहां तक कि मॉर्निंग वॉक कैंसर के मरीजों में भी थकान को दूर करने का काम करती है।
बढ़ती है फेफड़ों की कार्यक्षमता
रोजाना 20 मिनट मॉर्निंग वॉक करने से आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ सकती है। सुबह की सैर आपके फेफड़ों को मजबूत करने का काम करती है, जिससे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और सांस लेने में आसानी होती है। फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए सुबह की सैर एक प्रभावी विकल्प है।