जानिये नागफनी के चमत्कारी आयुर्वेदिक गुण :-
2- अगर सूजन है , जोड़ों का दर्द है , गुम चोट के कारण चल नहीं पाते हैं तो , पत्ते को बीच में काटकर गूदे वाले हिस्से पर हल्दी और सरसों का तेल लगाकर गर्म करकर बांधें। 4-6 घंटे में ही सूजन उतर जायेगी।
4- कान में परेशानी हो तो इक्का पत्ता गर्म करके दो-दो बूँद रस डालें।
5- Hydrocele की समस्या में इसी को लंगोटी में बांधें।
6- अगर दमा की बीमारी ठीक करनी है तो इसके फल को टुकड़े कर के, सुखाकर, उसका काढ़ा पीयें। इस काढ़े से साधारण खांसी भी ठीक होती है।
8- नागफनी सूजन, कब्ज, निमोनिया और कई अन्य रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
10- ऐसा माना जाता है की अगर इसके पत्तों के 2 से 5 ग्राम तक रस का सेवन प्रतिदिन किया जाए तो कैंसर को रोका जा सकता है।
12- इसके पंचाग के टुकड़े सुखाकर , मिटटी की हंडिया में बंद करके फूंकें। जलने के बाद हंडिया में राख रह जाएगी। इसे नागफनी का क्षार कहा जाता है। इसकी 1-2 ग्राम राख शहद के साथ चाटने से या गर्म पानी के साथ लेने से हृदय रोग व सांस फूलने की बीमारी ठीक होती है। घबराहट दूर होती है। इससे मूत्र रोगों में भी लाभ मिलता है। श्वास रोगों में भी फायदा होता है।
14- कब्ज – बताशे/ चीनी/मिश्री पर लेटेक्स से केवल कुछ बूंदें डाल कर लें।
15- निमोनिया में पौधे के छोटे-छोटे टुकड़ों काट, उबाल कर, जो एक्सट्रेक्ट मिलाता है उसे एक दिन में दो बार 2 मिलीलीटर की मात्रा में, पांच दिनों के लिए दिया जाता है।
17- सामान्य सूजन हो ,सूजन से दर्द हो uric acid बढ़ा हुआ हो, या arthritis की बीमारी हो । इन सब के लिए नागफनी की 3-4 ग्राम जड़ + 1gm मेथी +1 gm अजवायन +1gm सौंठ लेकर इनका काढ़ा बना लें और पीयें।
कृपया ये सावधानी रखे :-
1-इसका दूध आँख में नहीं गिरना चाहिए, यह अंधापन ला सकता है।
2-नागफनी कभी-कभी लोगों को हाइपोग्लाइमिक बना सकता हैं।
3-ऑपरेशन से पहले भी अत्यधिक उपयोग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे ग्लूकोज और रक्त पोषक तत्वों को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।
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