
हाथ-पांव में जलन होने की शिकायत होने पर सौंफ के साथ बराबर मात्रा में धनिया कूट-छानकर, मिश्री मिलाकर खाना खाने के पश्चात ५-६ ग्राम मात्रा में लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है।

खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से खाना अच्छे से पचता है। सौंफ,जीरा व काला नमक मिलाकर चूर्ण बना लीजिए।खाने के बाद हलके गुनगुने पानी के साथ इस चूर्ण को लीजिए, यह उत्तम पाचक चूर्ण है।

यदि आपको खट्टी डकारें आ रही हों तो थोड़ी सी सौंफ पानी में उबालकर मिश्री डालकर पीजिये। दो-तीन बार प्रयोग करने से आराम मिल जायेगा।

यदि आपको पेट में दर्द होता है तो भुनी हुई सौंफ चबाइए इससे आपको आराम मिलेगा। सौंफ की ठंडाई बनाकर पीजिए। इससे गर्मी शांत होगी और जी मिचलाना बंद हों जायेगा।

सौंफ पाचन क्रिया बढ़ाने में सहायक है। सौंफ अतिरिक्त चर्बी संचय से बचाता है। यह वजन कम करने में मदद करता करता है।

रोज़ाना सुबह-शाम खाली सौंफ खाने से खून साफ़ होता है जो की त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इससे त्वचा में चमक आती है।

आँखों की रोशनी को सौंफ का सेवन करके बढ़ाया जा सकता है। सौंफ और मिश्री समान भाग में लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लीजिए। इससे आँखों की रोशनी बढ़ती है।

सौंफ खाने से पेट और कब्ज़ की शिकायत नहीं होती। सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर चूर्ण बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग ५ ग्राम चूर्ण को हल्के से गुनगुने पानी के साथ सेवन कीजिए। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस और कब्ज़ दूर होगा।
