
हाल ही में हुए नए शोध में यह बात सामने आयी है की आयोडीन में मौजूद पोषक तत्त्व थायराइड ग्रंथी की कार्यप्रणाली को ठीक रखता है

आप योग करके भी थायराइड की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। आपको भुजंगासन, ध्यान लगाना, नाड़ीशोधन, मत्स्यासन और ब्रह्मद्रासन आदि करना चाहिए।

फल और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट होता है। जो थायराइड को कभी बढ़ने नहीं देता है। सब्जियों में टमाटर, हरी मिर्च आदि का सेवन करें। थायराइड की परेशानी में जितना हो सके फलों और सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए।

थायराइड में एक्यूप्रेशर के जरिये भी ठीक किया जा सकता है। एक्यूप्रेशर में पैराथायराइड और थायराइड के जो बिंदु होते है वे पैरो और हाथो के अंघूठे के नीचे और थोड़े उठे हुए भाग में मौजूद रहते हैं। आपको इन बिंदुओं को बाएँ से दाएं और प्रेशर यानि दबाना चाहिए। हर बिंदु को कम से कम तीन मिनट तक दबाएं। इस उपाय को हर रोज कम से कम दो बरी जरूर करें।

थायराइड की समस्या वाले लोगो को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल और विटामिन्स थाइरोइड से ग्रस्त पुरुषो को स्वस्थ बनाए रखने का काम करता है।

जौं, पास्ता और ब्रेड आदि साबुत अनाज का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती हैं क्योकि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा में होते है। जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।

थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती हैं और वे जल्दी ही थक जातें हैं। ऐसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथो को संतुलित बनाते हैं। और थकान को ऊर्जा में बदल देता है। मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।

अदरक में एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधर लता हैं। अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीशियम आदि थायराइड की समस्या से निजाद दिलवाते हैं।

थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने के लिए आप गेहूं के ज्वार का सेवन कर सकते हैं। गेहूं के ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

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