
थायराइड हार्मोनल डिजीज है जो किसी को भी हो सकता है। हालांकि महिलाओं में इसकी संभावना ज्यादा होती है। थायरायड गर्दन में एक छोटी ग्रंथि है जो थायराइड हार्मोन बनाती है। कभी-कभी थायरायड हार्मोन या तो बहुत ज्यादा बनने लगता है या बहुत कम बनता है।
बहुत अधिक थायराइड हार्मोन बनने के कारण हाइपरथायरायडिज्म की समस्या होती है जबकि यदि हार्मोंस कम निकलते हैं तो हाइपरथायरायडिज्म की दिक्कत होती है। इन दोनों ही तरह की समस्याओं में शरीर में बेहद कमजोरी, थकान, पीरियड्स की अनियमितता, डिप्रेशन, सांस का फूलना जैसी कई और दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। एलोपैथी में आजीवन हार्मोंस की दवा लेनी पड़ती हैं, बावजूद इसके ये घटता-बढ़ता रहता है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं जो इस रोग को जड़ से खत्म करने में कारगर हैं। तो आइए आज इन्हीं के बारे में विस्तार से जानें।
मुलेठी में है थायराइड को संतुलित करने का दम
मुलेठी में थायराइड को नार्मल करने के गुण हैं। मुलेठी के पाउडर या इसके पानी को पीने से थायराइड में होने वाली कमजोरी और थकान को दूर किया जा सकता है। 2011 में टेक्सास में बायोसाइंसेज और टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट आई। इसमें यह पाया गया कि मुलेठी में ट्रीटरपेनोइड ग्लाइसेरीथेनिक एसिड होता है, जो न केवल थायराइड कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करता है बल्कि इन्हें बनने से भी रोकता है।
अश्वगंधा थायराइड ग्रंथियों की सक्रियता को सुधारता है
अश्वगंधा में थायराइड ग्रंथियों से निकलने वाले हार्मोन्स को संतुलित करने का गुण है। एंटीऑक्सीडेंट से भरा अश्वगंधा ग्रंथी को सही मात्रा में हार्मोन उत्पादन करने में मदद करता है। हार्मोन संतुलन के साथ ही अश्वगंधा इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। अश्वगंधा को आप किसी भी रूप में ले सकते हैं। चाहे गोलियां ले या इसका पाउडर रोज खाएं।
गेहूं का ज्वारा भी है बेहद फायदेमंद
गेहूं का ज्वारा, ब्लड और ब्लड रिलेटेड रोगों के साथ ही थायराइड हार्मोन पर भी बहुत इफेक्टिव है। गेहूं के ज्वारे को रोज अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
अलसी थायराइड हार्मोंस को सुधारती है
ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर अलसी थायराइड हार्मोंस को संतुलित करने में कारगर है। ओमोगा-3 फैटी एसिड थायरायड ग्रंथि को सही तरीके से काम करने के लिए फोर्स करता है। हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों को अलसी का प्रयोग किसी भी रूप में जरूर करना चाहिए।
इचिन्सिया जड़ी-बूटी करेगी खत्म हाइपोथायरायडिज्म
इचिन्सिया जड़ी-बूटी है और इसका प्रयोग ज्यादातर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। लेकिन कई अध्ययन में पाया गया कि ये थायराइड को नार्मल करने में भी बेहद कारगर साबित हुआ है। खास कर हाइपोथायरायडिज्म में यह बेहद कारगर है।
ब्लैडररैक हर्ब भी है बेहद कमाल का
ब्लैडररैक हर्ब भी हाइपोथायराडिज्म और इससे जुड़ी बीमारियों में बेहद फायदेमंद साबित होता है। ये एक समुद्री शैवाल है जो आयोडिन से भरा होता है। यही कारण है कि ये थायराइड ग्रंथि को संतुलित कर हार्मोन उत्सर्जन को बढ़ाता है।
बाकोपा भी है बेहद शक्तिशाली
बाकोपा भी एक जड़ी बूटी है जो थायराइड में बेहद शक्तिशाली साबित होता है। ये जड़ी बूटी भी थायराइड ग्रंथि को संतुलित करने के काम करता है।
काले अखरोट
सीफूड के अलावा काला अखरोट भी आयोडीन का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है। इसे रोज नट्स के रूप खाना आपके हार्मोंस के गति को सुधारता है।
निर्गुण्डी की 21 पत्तियां 21 दिनों तक लेने से जड़ से खत्म हो जायेगा थायरॉइड
निर्गुण्डी के पत्तों का रस 14 से 28 मिलीलीटर दिन में 3 बार सेवन करें या निर्गुण्डी के 21 पत्ते लेकर उसका रस निकाल कर उस रस को 3 बराबर भागो में बांट कर दिन में 3 बार ले यह प्रयोग 21 दिन करने से थाइराइड से निजात मिलती है। निर्गुण्डी की जड़ों को पीसकर इसका रस नाक में डालना चाहिए इससे भी फायदा मिलता है। यह थाइराइड से बने गले मे घेंघा या गोइटर बनने पर भी काम करता है।
निर्गुन्डी (वानस्पतिक नाम : Vitex negundo) एक औषधीय गुणों वाली क्षुप (झाड़ी) है। हिन्दी में इसे संभालू/सम्मालू, शिवारी, निसिन्दा शेफाली, तथा संस्कृत में इसे सिन्दुवार के नाम से जाना जाता है। इसके क्षुप १० फीट तक ऊंचे पाए जाते हैं। संस्कृत में इसे इन्द्राणी, नीलपुष्पा, श्वेत सुरसा, सुबाहा भी कहते हैं। राजस्थान में यह निनगंड नाम से जाना जाता है।
इसकी पत्तियों के काढ़े का उपयोग जुकाम, सिरदर्द, आमवात विकारों तथा जोड़ों की सूजन में किया जाता है। यह बुद्धिप्रद, पचने में हल्का, केशों के लिए हितकर, नेत्र ज्योति बढ़ाने वाला तो होता ही है, साथ ही शूल, सूजन, आंव, वायु, पेट के कीड़े नष्ट करने, कोढ़, अरुचि व ज्वर आदि रोगाें की चिकित्सा में भी काम आता है। इसके पत्ते में रक्तशोधन का भी विशेष गुण होता है। निर्गुंडी बैक पेन स्लिप डिस्क की एकल औषधि है ढाई सौ ग्राम इसके पत्तों को डेढ़ किलो पानी के अंदर उबालें उस पानी मैं से सौ एम एल पानी के साथ हलवा तैयार करके सुबह खाली पेट एक बार खाएं ऐसा कम से कम 15 रोज करें इससे बैक पेन साइटिका का रोग हमेशा के लिए निर्मल हो जाता है निर्गुंडी के फूल जॉइंट पेन एंड घुटनो के दर्द का रामबान उपाय निर्गुंडी के फूल 50 ग्राम लोंग 50 ग्राम इन दोनों को किसी खरल में अच्छी तरह पीस लें कम से कम 3 घंटे की पिसाई के बाद इसकी मूंग की दाल के बराबर गोली बना ले दो से तीन गोली सुबह शाम हल्के गर्म दूध के साथ ले। ध्यान रखें जब तक यह दवाई खानी है तब तक ठंडी चीजों का इस्तेमाल बंद कर दें नहाना भी गरम पानी के साथ करें और पीने में भी गर्म जल ही इस्तेमाल करें फ्रिज में रखा हुआ खाना और पानी हरगिज़ ना ले। बस 15 दिन के अंदर अंदर आप के जॉइंट पेन की और घुटनों के दर्द की समस्या पूर्ण रूप से खत्म हो जाएगी।जिनको को ब्लड प्रेशर की समस्या है या फिर पित का प्रकोप बढ़ा हुआ है वह अपने वैद्य की सलाह के बिना ना लें
दवाईयां भी फेल हैं इस रस के आगे, 350 रोगों की अकेले करता है छुट्टी
कमजोर शरीर को फौलादी बनाये एक हफ्ते मे बन जाओगे बस खाए ये चीज
किसी भी नस में ब्लॉकेज नहीं रहने देगा यह देसी फार्मूला
रोज सुबह पिए 1 ग्लास लौंग का पानी, 21 दिनों में १० किलो वजन घटाएं
थायराइड ठीक करने के लिए कुछ और असरदार आयुर्वेदिक उपाय
1. इसमें हम शिग्रु पत्र, कांचनार, पुनर्नवा के काढ़ों का प्रयोग कर सकते हैं। काढ़ों का प्रयोग करने के लिए हमें 30 से 50 मिली काढ़ा खाली पेट लेना चाहिए।
2. जलकुंभी, अश्वगंधा या विभीतकी का पेस्ट ग्वाटर के ऊपर लगाएं। पेस्ट को तब तक लगाना है जब तक की सूजन कम न हो जाए। रोग से पीड़ित इन्हीं पौधों के स्वरस का प्रयोग भी कर सकते हैं।
3. अलसी के 1 चम्मच चूर्ण का प्रयोग इस बीमारी में कर सकते हैं।
4. इस बीमारी में नारियल के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं । 1 से 2 चम्मच नारियल का तेल गुनगुने दूध के साथ में खाली पेट सुबह-शाम लेने से भी इस रोग में फायदा होता है।
5. इस बीमारी में विभीतिका का चूर्ण, अश्वगंधा का चूर्ण और पुश्करबून का चूर्ण भी 3 ग्राम शहद के साथ में या गुनगुने पानी के साथ में दिन में दो बार प्रयोग कर सकते हैं।
6. इस बीमारी में धनिये का पानी पी सकते हैं। धनिये के पानी को बनाने के लिए शाम को तांबे के बर्तन में पानी लेकर उसमें 1 से 2 चम्मच धनिये को भिगो दें और सुबह इसे अच्छी तरह से मसल कर छान कर धीरे-धीरे पीने से फायदा होगा।
7. इस बीमारी में पंचकर्मा की क्रियाएं जिसमें शिरो अभ्यंगम, पाद अभ्यंगम, शिरोधारा, वस्ति, विरेचन, उद्वर्तन और गले के क्षेत्र या थायराइड ग्रंथि पर हम धारा कर सकते हैं। इसमें नस्यम को हम घर पर कर सकते हैं। नस्यम करने के लिए गाय के घी को दो-दो बूंद पिघला के हम नाक में डालने से इस बीमारी में लाभ मिलता है।
बढ़िया जानकारी
हार्मोन की कमी से बाल आ जातें है सर 9695152025 WhatsApp no है
जरूर बताओं सर
Sir collide gaiter ko thik karne ke liya batayia
http://herbalmeds.in/gaanth-galane-ka-raambaan-upaay/
Pingback: शिलाजीत के फायदे - शरीर की हर बीमारी को दूर करें इस औषधि से - All Ayurvedic
Pingback: नाभि में सरसो तेल लगाने के फायदे जानकर हैरान रह जायेंगे - All Ayurvedic
Pingback: चने की रोटी बड़ी से बड़ी बीमारियों को करती है जड़ से खत्म - All Ayurvedic
Pingback: फैटी लिवर का इलाज 7 दिनों में, अपनायें ये घरेलू नुस्खे - All Ayurvedic
Pingback: अमरबेल का सेवन है प्रजनन शक्ति बढ़ाने में उपयोगी - All Ayurvedic
Pingback: बवासीर का सफल इलाज (Piles) का सिर्फ आयुर्वेद मे !! - All Ayurvedic
Pingback: मोटापा तेजी से खत्म करने का रामबाण घरेलू उपाय, १० KG वजन कम - All Ayurvedic
Pingback: बारिश के मौसम में बाल झड़ने की समस्या को चुटकी में दूर करेंगे ये 5 हेयर मास्क !! - All Ayurvedic
Pingback: खाली पेट गर्म पानी के साथ काली मिर्च खाने से होगा ऐसा असर - All Ayurvedic
Pingback: फिटकरी के रामबाण उपाय - 200 से ज्यादा बिमारियों का इलाज - All Ayurvedic
Pingback: वजन कम करने की रामबाण औषधि काला जीरा - All Ayurvedic
Pingback: कब्ज का रामबाण इलाज हैं ये घरेलू उपाय - All Ayurvedic
Pingback: 100 साल में होता है महामारी का हमला, करोड़ों लोगों की जाती है जान - All Ayurvedic
Pingback: गौरैया के कारण चीन में 2.5 करोड़ लोग मर गए थे, आप जानते हैं? - All Ayurvedic
Pingback: फंगल इंफेक्शन पर काबू पाने के लिए करे ये घरेलू उपाय !! - All Ayurvedic
Pingback: कमजोर शरीर को फौलादी बनाये एक हफ्ते मे - All Ayurvedic
Pingback: चांद पर प्लॉट खरीदने वाले पहले एक्टर थे सुशांत सिंह राजपूत! - All Ayurvedic
Pingback: अपनी आंतों की सफाई इन तरीकों से करें यदि आपको रहना है स्वस्थ - All Ayurvedic
Pingback: बाल और त्वचा के लिए कपूर के चमत्कारी फायदे - All Ayurvedic
Pingback: सभी चर्म रोगों को जड़ से खत्म करने का रामबाण उपाय - All Ayurvedic
Pingback: कोरोनावायरस की आयुर्वेदिक दवा आ गई, 7 दिन में होंगे ठीक - All Ayurvedic
Pingback: गुड़हल (Gudhal) के फूल के ये चमत्कारी फायदे नहीं जानते होंगे आप - All Ayurvedic
Pingback: कैलाशपर्वत के 10 रहस्य जानकर हैरान रह जाएंगे, नासा भी हैरान - All Ayurvedic
Pingback: खांसी की अचूक दवा तथा घरेलू उपचार आज जानिए - All Ayurvedic
Pingback: टिकटोक समेत 59 चीनी ऍप पर भारत सरकार ने लगाया बैन - All Ayurvedic
Pingback: हाई ब्लड प्रेशर का घरेलू उपचार, 7 Days Treatment For high BP - All Ayurvedic
Pingback: Yoga to Reduce Fat पेट कम करने के लिए योगासन - All Ayurvedic
Pingback: शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ाने के घरेलू उपाय - All Ayurvedic
Pingback: गले में टॉन्सिल के लक्षण पहचान कर तुरंत करें ये घरेलू उपचार - All Ayurvedic
Pingback: केसर के इन चमत्कारी फायदों के बारे में नई जानते होंगे आप !! - All Ayurvedic
Pingback: दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी, कुछ दिन खाने से ही शरीर में दिखेगा जबरदस्त चमत्कार !! - All Ayurvedic
Pingback: कई बीमारियों का काल हैं सहजन की पत्तियां, गुणों को जानकर हैरान रह जाएंगे आप !! - All Ayurvedic
Pingback: गुड़हल तेल बनाने की विधि और बालों के लिए इसके फायदे - All Ayurvedic
Pingback: महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के 5 लक्षण !! - All Ayurvedic
Pingback: कमर दर्द दूर भगाने के लिए आजमाएं ये घरेलू नुस्खे और उपाय !! - All Ayurvedic
Pingback: डायबिटीज को मिनटों में कंट्रोल करने का ये है रामबाण इलाज - All Ayurvedic