
हमारे शरीर को चुस्त व दुरुस्त रखने के लिए अनेक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जिनमें से विटामिन्स प्रमुख हैं। विटामिन्स अनेक प्रकार के होते हैं और हर एक विटामिन का अपना एक अलग महत्व होता है। विटामिन K हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। जैसा कि हम जानते हैं कि विटामिन के रक्त का थक्का बनाने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त भी विटामिन ‘K’ के कई महत्व हैं। इस लेख में हम विटामिन के की कमी से सम्बंधित विषयों पर चर्चा करेंगे। सबसे पहले विटामिन के की कमी के लक्षण और फिर विटामिन के की कमी से होने वाले रोग पर चर्चा करेंगे।
बाकी सारे न्यूट्रीयेंट्स जैसे कि विटामिन A, D,C, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन आदि की ही तरह विटामिन K भी हमारे शरीर के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है। विटामिन K ब्लड क्लोटिंग में अहम रोल निभाता है जिसकी वजह से यह आतंरिक और बाहरी ब्लीडिंग को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है। ज्यादा ब्लड का प्रवाह आपके शरीर के लिए निर्णायक हो सकता है।
विटामिन K एक प्रोटीन का निर्माण करता है जोकि क्लोटिंग की प्रक्रिया की शुरुआत करता है। विटामिन K को दो भागों में बांटा गया है एक है विटामिन K1 और दूसरा है विटामिन K2 । आपको बता दें कि विटामिन K1 हरी और पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक आदि में पाया जाता है जबकि विटामिन K2 मनुष्य की आंतो में पाया जाता है। आजकल विटामिन K की कमी उन लोगों में ज्यादा होती है जी लोग हरी सब्जियों के बजाय जंक और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करते हैं।
वयस्कों की तुलना में छोटे बच्चों में विटामिन K की कमी ज्यादा देखने को मिलती है जिसे विटामिन K डेफिशियेंसी ब्लीडिंग कहा जाता है। लेकिन जब इसकी कमी वयस्कों में हो जाती है तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक हो जाता है।
कितनी होती है विटामिन के की जरूरत
0-6 माह का शिशु- 2 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
7 से 12 माह का शिशु- 2.5 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
1 से 3 साल के बच्चे- 30 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
4 से 8 साल के बच्चे- 55 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
9 से 13 साल के बच्चे- 60 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
14 से 18 साल के बच्चे- 75 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
19 साल से ऊपर के लोग- 90 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
दो प्रकार के होते हैं विटामिन K
विटामिन K दो प्रकार के होते हैं, विटामिन K-1 और विटामिन K-2। विटामिन K-1 ऐसा विटामिन है, जो हमें पौधों से प्राप्त होते हैं जैसे – फल, सब्जियों और पत्ती वाले आहार आदि। विटामिन K-2 ऐसा विटामिन है, जो हमें जानवरों से प्राप्त होता है जैसे- दूध और दूध से बने फूड्स आदि। शरीर में विटामिन K की कमी पूरा करने के लिए आपको इन आहारों का सेवन करना चाहिए।
विटामिन के की कमी क्या है? (what is vitamin k deficiency? in hindi)
हमारे शरीर को सभी तत्वों जैसे विटामिन, केल्शियम, आयरन इत्यादि की जरूरत पड़ती है।
ये सभी तत्व हमारे शरीर को ऊर्जा (एनर्जी) प्रदान करने के साथ-साथ उसे सही तरीके से काम करने में भी सहायता करते हैं।
विटामिन के भी इन्हीं तत्वों में शामिल है, जिसका मुख्य रूप से शरीर में क्लोटिंग को बनने से रोकना है ताकि पूरे शरीर में खून का संचार सही तरीके से हो सके।
विटामिन K की कमी के लक्षण (symptoms of vitamin k deficiency in hindi)
किसी भी व्यक्ति को विटामिन K की कमी हो सकती है, जिसके अपने कुछ लक्षण होते हैं। इस प्रकार, यदि किसी शख्स को अपने शरीर में ये 5 लक्षण नज़र आए तो उसे तुरंत अपनी सेहत की जांच करानी चाहिए क्योंकि ये विटामिन के की कमी के संकेत हो सकते हैं-
- चोट या घाव से अधिक खून निकलना- विटामिन के की कमी का प्रमुख लक्षण चोट या घाव से अधिक खून निकलना है।
इसे किसी भी व्यक्ति को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और मेडिकल सहायता लेनी चाहिए है। - आसानी से खरोंच लगना- अक्सर,आपने देखा होगा कि कुछ लोगों को हल्की टक्कर लगने पर ही खरोंच लग जाती है।
हालांकि, वे इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन यह विटामिन के की कमी का संकेत हो सकता है, जिसका तुरंत इलाज कराना चाहिए। - मासिक धर्म में अधिक खून निकलना- यदि किसी महिला को मासिक धर्म (menstrual cycle) में अधिक खून निकलता है, तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए क्योंकि यह विटामिन के कमी का संकेत हो सकता है।
- पाचन क्षेत्र (gastrointestinal (GI) tract) से खून निकलना- कुछ लोगों को पाचन क्षेत्र (gastrointestinal (GI)tract) से खून निकलने की शिकायत रहती है।
ऐसी स्थिति में उन्हें अपनी सेहत की जांच करानी चाहिए क्योंकि यह विटामिन के की कमी का लक्षण हो सकता है। - पेशाब में खून आना- विटामिन के की कमी का अन्य लक्षण पेशाब में खून आना है।
हालांकि, लोग इसे मूत्राशय कैंसर (bladder cancer) का संकेत समझते हैं लेकिन उन्हें किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह विटामिन के की कमी का भी संकेत हो सकता है।
विटामिन K की कमी के कारण (vitamin k deficiency causes in hindi)
विटामिन K की कमी होने के काफी सारे कारण होते हैं, जिसकी वजह से उसके सटीक कारण का पता लगाना काफी मुश्किल होता है।
इसके बावजूद, इस पर किए गए अध्ययनों से स्पष्ट है कि विटामिन के की कमी के संभावित कारण निम्नलिखित हैं-
- एंटीबायोटिक का सेवन अधिक मात्रा में करना- विटामिन के की कमी का प्रमुख कारण एंटीबायोटिक का सेवन अधिक मात्रा में करना है। इसी कारण, सभी लोगों को एंटीबायोटिक लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए क्योंकि यह अन्य बीमारी का कारण बन सकती है।
- सिस्टिक फाय्ब्रोसिस (Cystic fibrosis) से पीड़ित होना- विटामिन के की कमी ऐसी महिलाओं को भी हो सकती है, जो सिस्टिक फाय्ब्रोसिस (cystic fibrosis) से पीड़ित होती हैं। ऐसी महिलाओं को अपनी सेहत का विशेष का ध्यान रखना चाहिए ताकि उन्हें कोई गंभीर बीमारी न हो।
- भोजन में विटामिन के का सेवन न करना- यदि कोई व्यक्ति विटामिन के युक्त भोजन न करे, तो उसके शरीर में विटामिन के की कमी हो सकती है।
- लीवर बीमारी से पीड़ित होना- विटामिन के की कमी ऐसे लोगों को भी हो सकती है, जो लीवर बीमारी से पीड़ित होते हैं। ऐसे लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए और सेहत संबंधी किसी भी तरह की परेशानी की सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए।
- स्तनपान न करना या माँ का दूध कम मात्रा में पीना- विटामिन के की कमी नवजात शिशु को भी हो सकती है। ऐसा स्तनपान न करना या मां का दूध कम मात्रा में पीने से हो सकता है।
विटामिन के की कमी की पहचान कैसे की जा सकती है? (how to diagnose vitamin k deficiency? in hindi)
हालांकि, ज्यादातर लोगों को इस बात का पता ही नहीं चलता है कि वे विटामिन के की कमी से पीड़ित हैं। इसकी वजह से उनके लिए इससे छुटकारा पाना मुश्किल बन जाता है। इसके अलावा, यदि वे इन 4 तरीके का इस्तेमाल करें तो वे विटामिन के की कमी की पहचान आसानी से कर सकते हैं-
- ब्लड टेस्ट करना- विटामिन के की कमी की पहचान करने का सबसे आसान तरीका ब्लड टेस्ट करना है।
ब्लड टेस्ट से इस बात का पता लगाया जाता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में खून की कमी अथवा नहीं। - मेडिकल हिस्ट्री की जांच करना- अक्सर, मेडिकल हिस्ट्री से भी विटामिन के की कमी की पहचान की जाती है।
ऐसा करके डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि किसी व्यक्ति के परिवार में दो विटामिन के की कमी से पीड़ित नहीं है या उस व्यक्ति को पहले कभी विटामिन संबंधी कोई बीमारी न हो। - पी.टी. टेस्ट करना- विटामिन के की कमी का पता लगाने के लिए पी.टी नामक टेस्ट भी किया जाता है।
इस टेस्ट को किसी व्यक्ति के शरीर में ब्लड क्लोट्स का पता लगाने के लिए किया जाता है ताकि विटामिन के की कमी की पुष्टि हो सके। - स्टूल की जांच करना- चूंकि, विटामिन के की कमी नवजात बच्चों को भी होती है। इसी कारण, उनमें इस बीमारी का पता लगाने के लिए उनकी स्टूल की जांच की जाती है।
विटामिन के की कमी को कैसे दूर करें? (how to treat vitamin k deficiency/How to overcome vitamin K deficiency?
जैसे ही किसी व्यक्ति के विटामिन के कमी से पीड़ित होने की पुष्टि हो जाती है, वैसे ही उसका इलाज शुरू कर लेना चाहिए।
जितना जल्दी विटामिन के की कमी का इलाज शुरू होगा उतना ही जल्दी इससे पीड़ित शख्स को इससे छुटकारा मिल जाएगा।
अत: विटामिन के की कमी का इलाज मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीके से किया जाता है-
- खान-पान में बदलाव करना- विटामिन के की कमी का इलाज करने का सबसे आसान तरीका खान-पान में बदलाव करना है।
चूंकि, विटामिन के की कमी शरीर में विटामिन के की न होने की वजह से होती है, इसलिए डॉक्टर इससे पीड़ित लोगों को ऐसा भोजन खाने की सलाह देते हैं, जो विटामिन के से भरपूर हो। - गोलियां लेना- कई बार, विटामिन के की कमी का इलाज करने के लिए विटामिन के से भरपूर गोलियां भी दी जाती हैं। ये गोलियां शरीर में विटामिन के की कमी को दूर करने में सहायक साबित होती हैं।
- सप्लीमेंट का सेवन करना- अक्सर, विटामिन के की कमी का इलाज सप्लीमेंट के द्वारा भी किया जाता है। ये सप्लीमेंट मुख्य रूप से विटामिन के से भरपूर होते हैं, जो शरीर में इसकी कमी को दूर या पूरा करते हैं।
- इंजेक्शन लगाना- विटामिन के की कमी को इंजेक्शन के द्वारा भी दूर किया जाता है। ऐसे इंजेक्शन शरीर में विटामिन के की कमी को दूर करने का कारगर तरीका साबित हो सकते हैं।
विटामिन के की कमी के जोखिम क्या हो सकते हैं? (vitamin k deficiency complication in hindi)
हालांकि, विटामिन के की कमी का इलाज संभव है, जिससे इससे पीड़ित व्यक्ति को आराम मिल जाता है।
इसके बावजूद, यदि विटामिन के की कमी का समय रहते इलाज न किया जाए तो काफी सारे जोखिमों का कारण बन सकती है।
इस प्रकार, यदि कोई व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित है, तो उसे इन 5 जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है-
- पेट का खराब रहना- विटामिन के की कमी का सीधा असर व्यक्ति के पाचन तंत्र (digestive system) पर पड़ता है। इसकी वजह से व्यक्ति का पेट का खराब रहता है, जिसके लिए मेडिकल सहायता लेनी पड़ सकती है।
- डायरिया का होना- विटामिन के की कमी डायरिया का कारण भी बन सकता है। हालांकि, डायरिया का इलाज संभव है, लेकिन फिर भी लोगों को किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
- किडनी की बीमारी की संभावना का बढ़ना- यदि कोई व्यक्ति विटामिन के की कमी से पीड़ित है, तो उसे किडनी की बीमारी जैसे किडनी फेल्यिर होने की संभावना बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति में उसे किडनी ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत पड़ सकती है।
- मस्तिष्क का सही तरीके से काम न करना- इस समस्या का लंबे समय तक लाइलाज रहने पर इसका असर व्यक्ति के मस्तिष्क पर भी पड़ सकता है। इसकी वजह से उसे ब्रेन हेमरेज भी हो सकता है, जो उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
- मौत होना- हालांकि, विटामिन के की कमी से किसी व्यक्ति की मौत होने के मामले काफी कम देखने को मिलते हैं। इसके बावजूद, लोगों की लापरवाही बरतना खतरनाक साबित हो सकता है, इसलिए इसका इलाज समय रहते ही करा लेना चाहिए।
विटामिन के की कमी की रोकथाम कैसे की जा सकती है? (Prevention of vitamin k deficiency in hindi)
हालांकि, विटामिन के की कमी से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई बार, यह समस्या उन्हें किसी गंभीर बीमारी का शिकार भी बना सकती है। इसके अलावा, राहत की बात यह है कि किसी भी अन्य बीमारी की तरह विटामिन के की कमी की भी रोकथाम संभव है, जिसे निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है-
- पौष्टिक भोजन करना- विटामिन के की कमी की रोकथाम करने का सबसे आसान तरीका पौष्टिक भोजन करना है।
यदि कोई व्यक्ति हेल्थी डाइट को अपनाए तो उसे विटामिन के की कमी समेत अन्य बीमारी होने की संभावना काफी कम रहती है। - एक्सराइज़ करना- किसी भी बीमारी की तरह विटामिन के की कमी को दूर करने में एक्सराइज़ करना काफी लाभकारी उपाय साबित होता है। यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- टीकाकरण करना- विटामिन के की कमी को दूर करने में टीकाकरण (vaccination) काफी सहायक साबित होता है।
इस प्रकार, यह समस्या को टीकाकरण के द्वारा भी ठीक किया जा सकता है। - सप्लीमेंट का सेवन करना- हालांकि, सप्लीमेंट को सेहत के लिए सही नहीं माना जाता है,लेकिन डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट का सेवन नियमित मात्रा में किया जा सकता है। यह बात विटामिन के की कमी के संदर्भ में भी लागू होती है, इसलिए इस समस्या की रोकथाम सप्लीमेंट के सेवन के द्वारा भी किया जा सकता है।
- हेल्थचेकप कराना- सभी लोगों को इस बात का पालन करना चाहिए वह समय पर हेल्थचेकअप कराना है। ऐसा करने से वे काफी सारी बीमारियों से बच सकते हैं, और यदि किसी व्यक्ति के शरीर में किसी बीमारी के लक्षण मौजूद हो, तो उसका इलाज समय रहते शुरू किया जा सकता है।
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विटामिन K युक्त खाद्य पदार्थ – Vitamin K Rich Foods
ऐसे कई खाद्य पदार्थ है, जिन्हें नियमित आहार में शामिल कर विटामिन के की कमी को पूरा किया जा सकता है। इनमें से कुछ के बारे में हम यहां बता रहे हैं।
1. अनार
सबसे पहले अनार को छिलकर उसके दानों को अलग कर लें। अब इन दानों को जूसर में डालें और अनार का रस निकाल लें। रस पूरी तरह निकल आने के बाद इसे गिलास में डालें और उसमें स्वादानुसार काला नमक मिला कर पिएं।
अनार में विटामिन सी, थियामिन, राइबोफ्लेविन और नियासिन के साथ विटामिन के भी पाया जाता है। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि अनार का उपयोग विटामिन K के स्रोत के रूप में किया जा सकता है ।
2. हरी सेम
- 200 ग्राम कटी हुई हरी सेम
- एक कटा हुआ प्याज
- जीरा एक छोटा चम्मच
- पिसा धनिया एक छोटा चम्मच
- पिसी हल्दी आधा चम्मच
- नमक स्वादानुसार
- दो चम्मच सरसों का तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले आप गैस पर एक कढ़ाई रखें और सुनिश्चित करें कि उसमें पानी न हो।
- कढ़ाई में दो चम्मच तेल डालें और कुछ देर उसे गरम होने दें।
- तेल गरम हो जाने पर उसमें एक छोटा चम्मच जीरा डालें।
- जीरा चटकने का इंतजार करें।
- जब जीरा चटकने लगे, तो उसमें कटा हुआ प्याज डालें।
- अब प्याज को अच्छे से भून लें, जब तक वह लाल न हो जाएं।
- अब कढ़ाई में कटी हुई सेम को डाल लें। इसमें हल्दी, धनिया और नमक डालें और अच्छे से मिला लें।
- अब सेम को दो से तीन मिनट तक चलाते हुए अच्छे से भून लें।
- सबसे आखिरी में इसमें आधा कप पानी डालें और अच्छे से सब्जी में मिक्स करें।
- इसके बाद किसी बर्तन से कढ़ाई को ढक दें और 5 से 10 मिनट तक उसे ऐसे ही छोड़ दें।
- इस दौरान जरूरत होगी कि आप बीच-बीच में देखते रहें कि सेम कढ़ाई में चिपकने न पाए।
- जब सुनिश्चित हो जाए कि सेम पूरी तरह से पक गई है, तो सेम को प्लेट में निकाल लें।
कैसे है उपयोगी :
हरी सेम में विटामिन सी, नियासिन, राइबोफ्लेविन व थियामिन के साथ विटामिन के भी अच्छी मात्रा में उपलब्ध होता है। इस कारण विटामिन के की कमी में इसे खाने की सलाह दी जाती है।
3. पालक
- 200 ग्राम कटी हुई पालक
- दो चम्मच सरसों का तेल
- 2 से 3 लहसुन की कटी हुई कली
- आधा चम्मच कटी हुई अदरक
- कटी हुई दो हरी मिर्च
- एक कटा हुआ प्याज
- दो टमाटर कटे हुए
- आधा चम्मच जीरा
- आधा चम्मच गरम मसाला
- नमक स्वादानुसार
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले गैस पर कढ़ाई चढ़ाएं और उसमें दो चम्मच तेल डालें।
- थोड़ी देर तेल को गरम होने दें।
- तेल गरम होने के बाद उसमें जीरा डालें।
- जीरा चटकने लगे, तो उसमें कटा हुआ प्याज, लहसुन और अदरक डालें और उसे लाल होने तक भूने।
- अब उसमें कटी हुई पालक डालें, फिर एक-एक करके मिर्च, टमाटर, गरम मसाला और नमक डालें और अच्छे से मिलाएं।
- अब उसे दो से तीन मिनट तक चलाते रहे और सभी मसालों को पालक में मिलने दें।
- अब उसमें आधा कप पानी डालकर कढ़ाई को किसी बर्तन से ढक दें।
- इसे 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें, लेकिन बीच-बीच में ध्यान देते रहे कि पालक चिपकने न पाए।
- अंत में समय पूरा होने पर सुनिश्चित कर लें कि पालक अच्छी तरह पक गई है, तो उसे प्लेट में परोस लें।
कैसे है उपयोगी :
विटामिन ए, बी, सी और फोलेट के साथ-साथ पालक में विटामिन के भी मौजूद होता है। इस कारण इसे विटामिन K के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है ।
4. पत्ता गोभी
- तीन कप बारीक कटी हुई पत्ता गोभी
- एक कप मटर के दानें
- एक टमाटर कटा हुआ
- आधा चम्मच पिसी हल्दी
- आधा चम्मच लाल मिर्च
- दो चम्मच सरसों का तेल
- एक चम्मच जीरा
- चौथाई चम्मच हींग
- दो तेज पत्ते
- दो से तीन हरी कटी मिर्च
- एक चम्मच बारीक कटी धनिया
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले कढ़ाई को गैस पर रखें और थोड़ी देर गरम होने दें।
- फिर कढ़ाई में दो चम्मच सरसों का तेल डालें और उसे गरम होने दें।
- तेल गरम होने के बाद उसमें जीरा डालें।
- जब जीरा भुन जाए, तो उसमें हींग, कटी मिर्च व हल्दी डालकर दो से तीन मिनट तक भूनें।
- अब इसमें करीब आधा कप पानी डालें और उसे अच्छे से चलाएं।
- इसके बाद कटी हुई पत्ता गोभी और मटर डालें और धीमी आंच पर दो से तीन मिनट तक अच्छे से मिलाएं।
- अब नमक, लाल मिर्च और टमाटर डालकर सब्जी में मिलाएं।
- इसके बाद कढ़ाई को किसी बर्तन से ढक दें और 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- अब आपकी सब्जी पूरी तरह से पक गई है और इसे किसी बर्तन में खाने के लिए परोस लें।
कैसे है उपयोगी :
बता दें कि पत्ता गोभी में आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम के साथ-साथ विटामिन ए, विटामिन बी-6, विटामिन सी और विटामिन के प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इस कारण इसका उपयोग विटामिन के की कमी से होने वाले जोखिमों को कम करने में सहायक माना जाता है।
5. ब्रोकली
- 200 ग्राम कटी हुई ब्रोकली
- एक चम्मच कटा हुआ अदरक
- आधा नींबू
- दो कटी हुई हरी मिर्च
- एक चौथाई चम्मच काली मिर्च
- एक चौथाई चम्मच जीरा
- नामक स्वादानुसार
- एक चम्मच मक्खन
- एक चम्मच कटा हरा धनिया
- आधा जग पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले एक बर्तन में पानी लें और उसे गैस पर रख कर उबाल लें।
- जब पानी उबलने लगे, तो उसमें कटी हुई ब्रोकली को डालें और 3 से 4 मिनट के लिए बर्तन को ढककर ऐसे ही छोड़ दें।
- जब ब्रोकली अच्छे से उबल जाएं, तो चेक करें कि ब्रोकली नरम हो गई है या नहीं। नरम होने की स्थिति में ब्रोकली का रंग हल्का हरा हो जाएगा।
- अब एक छलनी की सहायता से ब्रोकली को पानी से अलग कर लें।
- इसके बाद कढ़ाई में एक चम्मच मक्खन डालकर गरम कर लें।
- मक्खन गरम हो जाने के बाद जीरा डालकर भून लें।
- जब जीरा चटकने लगे, तो उसमें अदरक, हरी मिर्च, नमक और काली मिर्च डालकर अच्छी तरह से मिलाएं।
- अब इसमें ब्रोकली के कटे हुए टुकड़े डालें और उसे मसाले में अच्छी तरह से मिलाएं।
- फिर इसे दो से तीन मिनट तक चलाते हुए पकाएं और बाद में नींबू का रस डालें।
- इसके बाद कढ़ाई को 10 से 15 मिनट के लिए ढक कर रख दें।
- समय पूरा होने के बाद सुनिश्चित करें कि ब्रोकली पूरी तरह से पक गई है कि नहीं।
- अच्छी तरह पक जाने के बाद इसे किसी बर्तन में परोस लें और ऊपर से कटा हुआ हरा धनिया डालें।
कैसे है उपयोगी :
ब्रोकली में कई जरूरी पोषक तत्वों के साथ-साथ विटामिन के भी अच्छी मात्रा में उपलब्ध होता है। इसलिए, इसे विटामिन के की कमी को पूरा करने का एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है।
6. कीवी फल
- 4 कीवी फल
- दो कप पानी
- चीनी स्वादानुसार
कैसे करें इस्तेमाल :
- पहले कीवी फल को छोटे टुकड़ों में काट लें।
- फिर इन टुकड़ों को पानी और चीनी के साथ ब्लेंडर में डालकर ग्राइंड कर लें।
- मिक्स हो जाने के बाद तैयार जूस को गिलास में निकाल लें।
नोट :- आप चाहें तो कीवी फल को सीधे खाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है उपयोगी :
कीवी फल में कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम के साथ विटामिन ए, बी-6, विटामिन सी और विटामिन के उपलब्ध होता है। इस कारण इसका इस्तेमाल विटामिन के की कमी को पूरा करने में किया जा सकता है।
7. काजू
- 5-6 काजू
- दूध एक गिलास
- शहद (वैकल्पिक)
- एक चुटकी इलायची पाउडर (स्वाद के लिए)
कैसे करें इस्तेमाल :
- काजू को 10 से 15 मिनट के लिए दूध में भिगोकर रख दें।
- समय पूरा होने के बाद आप ग्राइंडर में काजू और दूध को डालकर अच्छे से पीस लें।
- आप इसमें स्वाद के लिए शहद मिक्स कर सकते हैं।
- फिर इसे गिलास में निकाल कर सर्व करें।
नोट– शेक के अलावा आप काजू को ऐसे ही स्नैक्स के तौर पर भी खा सकते हैं।
कैसे है उपयोगी :
काजू में विटामिन ए, विटामिन बी के साथ विटामिन के भी अच्छी मात्रा में उपलब्ध होता है। इसलिए इसे विटामिन के के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
8. गाजर
- 4 से 5 बड़ी गाजर घिसी हुई
- दूध एक कप
- आधा कप खोया
- आधा कप चीनी
- एक कप घी
- 5 इलायची पिसी हुई
- 8 से 10 बादाम बारीक कटे हुए
- 8 से 10 काजू बारीक कटे हुए
- 6 से 7 किशमिश
- 4 से 5 पिस्ता बारीक कटे हुए
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले गाजर को छिल लें, ताकि उसके रेशे पूरी तरह से निकल जाएं।
- इसके बाद गाजर को अच्छे से घिस लें।
- अब गैस पर कढ़ाई रखें और उसमें दूध और घिसी हुई गाजर डालें।
- अब इसे धीमी आंच पर पकाएं और लगातार चलाते रहें।
- जब गाजर का सारा पानी सूख जाए और दूध गाढ़ा होने लगे, तो उसमें चीनी और घी डालकर मिला लें।
- जब सारा दूध गाजर के साथ सूख जाए, तो उसमें खोया डालकर मिलाएं।
- अब गाजर में काजू, बादाम, किशमिश, पिस्ता और इलायची मिला दें।
- गैस को बंद करने के बाद भी गाजर को दो से तीन मिनट तक चलाएं, ताकि वह चिपके नहीं।
- समय पूरा होने पर गैस को बंद करें और किसी बर्तन में तैयार हुए हलवे को परोस लें।
नोट– गाजर को छोटे टुकड़े में काटकर सलाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है उपयोगी :
विटामिन ए, बी-6 और ई के साथ विटामिन के भी गाजर में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इस कारण इसे विटामिन के के स्रोत के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है ।
9. एवोकाडो
- दो से तीन एवोकाडो
- एक चौथाई कटा हुआ प्याज
- नमक स्वादानुसार
- पिसी मिर्च स्वादानुसार
- कटी हुई सलाद (खीरा, ककड़ी, चुकंदर व गाजर)
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले एवोकाडो को बीच से काट लें।
- अब इसके बीच से बीज को चाकू की मदद से बाहर निकालें।
- फिर चम्मच की सहायता से एवोकाडो के गूदे को बाहर निकाल लें।
- इसके बाद आप सबसे पहले एवोकाडो के गूदे को किसी कटोरी में लेकर अच्छे से मैश कर लें।
- अब उसमें कटे हुए प्याज, सलाद, नमक और मिर्च को डालें और अच्छे से मिक्स करें।
- अब एवोकाडो की सलाद तैयार है।
कैसे है उपयोगी :
कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस के साथ विटामिन सी, बी-6, फोलेट और विटामिन के भी उपलब्ध होता है। इस कारण इसे विटामिन के की कमी को पूरा करने का एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है ।
10. मक्खन
- 4 पीस आटा ब्रेड
- दो चम्मच मक्खन
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले हल्की आंच पर ब्रेड को सेक लें।
- अब इस पर मक्खन को लगाएं।
- अब इसे खाने के लिए प्लेट में सर्व करें।
कैसे है उपयोगी :
सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस के साथ-साथ इसमें थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन ई और विटामिन के पाया जाता है। इस कारण इसे विटामिन के के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है ।
विटामिन के की कमी में क्या खाना चाहिए? (How to eat in vitamin k deficiency? in hindi)
अक्सर, लोगों के मन में यह सवाल आता है कि यदि उनमें विटामिन के की कमी है, तो उन्हें क्या खाना चाहिए।
चूंकि, उनकी सेहत पर खान-पान का गहरा असर पड़ता है, इसलिए उन्हें मुख्य रूप से इन 5 तरह का भोजन ही करना चाहिए, जो उनके शरीर में विटामिन के की कमी को दूर करने में सहायक साबित होंगे-
- हरे पत्तेदार सब्ज़ियाँ खाना- विटामिन के मुख्य रूप से हरे पत्तेदार सब्जियों में मौजूद होता है।
अत: विटामिन के की कमी में पालक, गोभी, ब्रोकली इत्यादि का सेवन किया जा सकता है। - मछली, अंडे खाना- यदि कोई व्यक्ति मांसहारी है, तो वह विटामिन के की कमी को मछली, अंडे इत्यादि खाकर दूर कर सकते हैं।
इस प्रकार, इन तत्वों से भी विटामिन के की कमी को दूर किया जा सकता है। - डेयरी युक्त उत्पाद करना- विटामिन के की कमी को डेयरी युक्त उत्पादों जैसे दूध, दही, पनीर, मक्खन इत्यादि के सेवन से भी दूर किया जा सकता है।
अत: विटामिन के की कमी को डेयरी उत्पादों से भी दूर किया जा सकता है। - फल खाना- अक्सर, डॉक्टर विटामिन के की कमी से पीड़ित लोगों को फल खाने की भी सलाह देते हैं।
ऐसे लोग अनार, सेब, चकदूर इत्यादि का सेवन करके इस समस्या से निजात पा सकते हैं। - जूस पीना- फल खाने के अलावा, विटामिन के की कमी को जूस के द्वारा भी दूर किया जा सकता है।
हालांकि, विटामिन के की कमी लोगों को बीमारी कर सकती है। इसके बावजूद, यह काफी दुर्भाग्य की बात है कि उनमें इस बीमारी को लेकर किसी तरह की गंभीरता नहीं है। इसके अलावा, यदि उनके पास विटामिन के की कमी की पूरी जानकारी हो तो वे आसानी से इससे छुटकारा पा सकते हैं। अत: हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित होगा, जो आपको और आपके प्रियजनों को विटामिन के की कमी को दूर करने में सहायक साबित होगी।
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