
आज हम आपको ऐसे भोजन के बारे में बताने जा रहें है, जिसको अगर संजीवनी भी कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा। बल बुद्धि और वीर्य बढाने में ये रामबाण है। इसके सेवन से आप खांसी जुकाम से लेकर कैंसर तक आप हर बीमारी से बच सकते हैं।
यह नाश्ता स्वस्थ व्यक्ति को निरोगी बनाये रखता है, कमजोरों को शक्तिशाली, बच्चों को चैंपियन, बूढों को जवान, और जवानो को 100 वर्ष तक जवान बना कर रखता है। इसके फायदे अनगिनत हैं।
आइये जाने चार चम्मच गेंहू के दाने , 2 चम्मच मूँग और एक चम्मच मेथी दाना से बना ये संजीवनी नाश्ता के फायदे
चार चम्मच गेंहू के दाने, 2 चम्मच मूँग और एक चम्मच मेथी दाना ले कर चार पांच बार अच्छी तरह साफ़ जल से धो लीजिये। इस के बाद एक गिलास पानी में डालकर चौबीस घंटे रखें।
फिर इनको पानी से निकालकर एक मोटे गीले कपडे में बांधकर अंकुरित होने के लिए चौबीस घंटे तक हवा में लटका दीजये। गर्मियों में बीच बीच में पानी के छींटे मारते रहें।
जिस पानी में गेंहू के दाने, मूँग दाने और मेथी दानो को भिगोया था उस पानी में आधा निम्बू निचोड़ कर दो ग्राम सौंठ का चूर्ण डाल दीजिये। इसमें दो चम्मच शहद घोलकर सुबह खाली पेट लें। यह पेय बहुत शक्तिवर्धक, पाचक, और सफुर्तिदायक होता है। इसको संजीवनी पेय कहते हैं।
अभी जो गेंहू के दाने ,मूँग और मेथी के दाने अंकुरण के लिए लटकाए थे, जब उनमे अंकुर फूट जाए (औसतन गर्मियों में चौबीस या अड़तालीस घंटों में अंकुरित हो जाते हैं) इनको सुबह नाश्ते में पीसी काली मिर्च और सेंधा नमक बुरककर खूब चबा चबा कर खाएं।
इस नाश्ते को संजीवनी नाश्ता कहते हैं। जो व्यक्ति अंकुरित अन्न को चबा ना सके वो इसको ग्राइंड कर के इसका लाभ लें। अन्यथा उनको ऊपर पानी तक ही सीमित रहना पड़ेगा। जिन लोगों में खून की कमी है, ब्लड शुगर है (डायबिटीज), कफ़ की अधिक समस्या है, अस्थमा का प्रकोप है, शरीर कमज़ोर है, मोटापा अधिक है, कमजोरी रहती है, पूरा दिन आलस रहता है, खून में धक्के जमे हुए है, कमज़ोर दृष्टि है, नपुंसकता है, शीघ्रपतन की समस्या है, कैंसर, हृदय रोगों, लीवर के रोगों, किडनी के रोगों के लिए, स्त्रियों के श्वेत प्रदर और रक्त प्रदर में, बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए, खिलाडियों के लिए ऊर्जावान, यौवन को बरक़रार रखने वाला, चेहरे को कश्मीरी सेब जैसा खिला रखने वाला, 100 वर्ष तक भी निरोगी रखने वाला चमत्कारिक भोजन है। इसको हर आयु का व्यक्ति खा कर रक्त में जवानी का अहसास कर सकता है। कुल मिला कर इसको सर्व रोगों के लिए एक दवा (अमृताहार ) कहा जा सकता है।
अंकुरण के लिए बढ़िया से बढ़िया अनाज का उपयोग करना चाहिए, और गर्मियों में जहाँ अंकुरण एक दो दिन में हो जाता है, वहीँ सर्दियों में यह 3 से 4 दिन ले सकता है। इसलिए धैर्य रखें। और हर रोज़ आप ये नाश्ता कर सकें। इस लिए जब तक अंकुरण फूटे नहीं, तब तक हर रोज़ नया गेंहू , मूँग और मेथीदाना अंकुरित करते रहें। इस से तीन चार दिनों के बाद आपको निरंतर अंकुरित नाश्ता मिलना शुरू हो जायेगा।
अमर शहीद राष्ट्रगुरु, आयुर्वेदज्ञाता, होमियोपैथी ज्ञाता स्वर्गीय भाई राजीव दीक्षित जी के सपनो (स्वस्थ व समृद्ध भारत) को पूरा करने हेतु अपना समय दान दें
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